चंदौली: लॉकडाउन के दौरान अफ्रीका में माइनिंग कंपनी में काम करते समय एक युवक की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने शव को लाने के लिए रक्षा मंत्री से मदद की गुहार लगाई थी. इस पर रक्षा मंत्री ने मृतक के शव को 72 दिन बाद अफ्रीका से उसके घर पहुंचवाया. यही नहीं, सरकार के प्रयास के बाद मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दिलाने में सहायता की. सोमवार को जब शव मृतक के पैतृक गांव बड़गांव लाया गया तो परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं रक्षा मंत्री के प्रयासों की लोग सराहना कर रहे हैं.
कंपनी के मैनेजर ने परिवार को दी सूचना
शहाबगंज ब्लॉक के बड़ागांव के रहने वाले महातिम विश्वकर्मा अफ्रीका महाद्वीप के गैबन देश की राजधानी लिब्रेविल में एक माइनिंग कंपनी में काम करते थे. बीते 2 अप्रैल को कंपनी के मैनेजर ने परिवार को सूचना दी कि उनके बेटे की दुर्घटना में मौत हो गई है. मेडिकल और अन्य कागजी कार्रवाई के बाद उनके बेटे का शव सुरक्षित रखा गया है. कोरोना काल में लॉकडाउन और गरीबी के चलते परिवार के लोग वहां शव लेने के लिए नहीं जा सके. इस दौरान परिजनों ने देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मदद की गुहार लगाई.
बिजली का खंभा गिरने से हुई थी दुर्घटना
रक्षा मंत्री ने परिवार को बेटे का शव दिलाने में मदद की. मृतक महातिम विश्वकर्मा अल्फा सेंचुरी के माइनिंग कंपनी (NDJOLE ) में कार्यरत थे. काम करने के दौरान एक दुर्घटना में बिजली का खम्बा उनके ऊपर गिर गया था. उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.