उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

नसबंदी शिविर में दिखी अव्यवस्था, ऑपरेशन के बाद खुले में महिलाओं को लेटाया - चंदौली डीएम संजीव सिंह

खबर उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से है, यहां स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरूवार को अव्यवस्था का बोलबाला रहा. दरअसल, शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर गुरूवार को नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया. ओपीडी में आने को स्ट्रेचर तक नहीं मिला. परेशान परिजन महिलाओं को गोद में लेकर ऑपरेशन थिएटर तक ले गए. वहीं, बेड न होनेपर उन्हें खुले आसमान के नीचे चारपाई पर लेटा दिया गया था.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र.

By

Published : Jan 23, 2021, 2:32 PM IST

चंदौली: जिले में स्वास्थ्य महकमें की लापरवाही का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. ये वीडियो शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का बताया जा रहा है. इस वीडियो में नसबंदी शिविर में अमानवीयता की सारी हदें पार होती दिखाई दे रही है.

वीडियो वायरल.

दरअसल, नसबंदी कराने आई महिलाओं को ऑपरेशन के बाद खुले आसमान के नीचे लेटा दिया गया. सरकार की तरफ निशुल्क इस योजना में भी लोगों को भारी भरकम राशि खर्च करनी पड़ी और बाहर से दवाएं लेनी पड़ी, लेकिन लापरवाही की हद तो तब हो गई जब टारगेट पूरा करने के चक्कर में महिलाओं को जमीन पर लेटा दिया गया. घटना को चंदौली डीएम संजीव सिंह मामले को प्रायोजित बताते हुए जांच की बात कह रहे हैं.

महिलाओं को खुले आसमान के नीचे लेटाया
महिलाओं को ऑपरेशन के बाद खुले मौसम में लेटाया गया. ऑपरेशन के बाद इन्हें स्ट्रेचर तक नसीब नहीं हुआ. नसबंदी शिविर में परिजनों की गोद ही महिला मरीजों का स्ट्रेचर बना रहा. वहींं, नसबंदी कराने आई महिलाओं ने अस्पताल प्रशासन पर असुविधाओं का गंभीर आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद उन्हें हजारों रुपये की दवाएं लेनी पड़ी.

मौके पर पहुंचे अधिकारी खानापूर्ति कर निकल गए
वीडियो गुरुवार का बताया जा रहा है. जहां नसबंदी के नाम पर महिलाओं की दुर्गति हो रही है. यहीं नहीं उनका आरोप है कि स्वास्थ्य महकमा बाहर से दवा लिखकर दुकानदारी कर रही है. इस दौरान शिकायत पर पहुंचे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मंडल प्रबंधक अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने मौके पर आकर सभी मरीजों से बाहर से लिखी दवा की पर्ची तलब की तथा दुर्व्यस्थाओं पर संबंधित अधिकारी को फटकार लगाई. हालांकि बाद में वह भी खाना पूर्ति कर चलते बने.

डॉक्टर पर बाहर से दवा लिखने का आरोप
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निशुल्क नसबंदी कराने पहुंची महिलाओं के परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों व केंद्र प्रभारी पर बाहर से दवा लिखकर कमीशन खोरी करने का गंभीर आरोप भी लगाया है. इस मामले पर मोके पर मौजूद आशा कर्मी के पति ने बताया कि डॉक्टर बाहर से दवा लिख रहे है. तो वे लोग क्या कर सकते हैं.

सरकार की भारी भरकम धनराशि होती है खर्च
गौरतलब है कि इस तरह की नसबंदी शिविर की व्यवस्था इसलिए की जाती है. ताकि लोगों को नसबंदी के लिए जागरूक किया जा सके और उन्हें इसकी सुविधा नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हो सके. इसके लिए सरकार भारी भरकम धनराशि भी खर्च करती है, लेकिन जिलों में बैठे संवेदनहीन अधिकारी और कर्मचारी इन शिविरों के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर जाते हैं.

जिलाधिकारी ने बताया 'आल इज वेल'
डीएम चंदौली ने इस वायरल वीडियो को प्रायोजित करार देते हुए असुविधाओं की बात साफ इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में लिया गया है. शहाबगंज स्वास्थ्य केंद्र पर बेड की संख्या कम होने की वजह महिलाओं को बाहर लेटाया गया, लेकिन इस दौरान टेंट और चार पाई की व्यवस्था की गई थी. यहीं नहीं मौके पर दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता थी. मौके से बाहर की लिखी हुई कोई भी पर्ची बरामद नहीं हुई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details