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जिला पंचायत की बैठक बना सियासी अखाड़ा, देखिए कैसे भीड़ गए सपा-भाजपा के नेता

चंदौली के जिला पंचायत सभागार में बुधवार को आयोजित जिला योजना समिति की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. आरोप-प्रत्यारोपों के बाद सपा और भाजपा के लोग आपस में भिड़ गए. किसी तरह से लोगों ने पहल करके मामले को शांत कराया.

जिला पंचायत की बैठक बना सियासी अखाड़ा
जिला पंचायत की बैठक बना सियासी अखाड़ा

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Published : Oct 13, 2021, 9:32 PM IST

चंदौली : जिला पंचायत सभागार में बुधवार को आयोजित जिला योजना समिति की बैठक भारी हंगामेदार रही. आरोप-प्रत्यारोप के दरम्यान सपा और भाजपा के लोग आपस में भिड़ गए. इससे सदन का माहौल विकास परक न होकर सियासी होता दिखा. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही करीब आधा घंटे तक बाधित रही. माहौल बिगड़ता देख वहां मौजूद अन्य लोगों ने पहल करके मामले को शांत किया.

दिलचस्प बात यह कि यह सबकुछ जिला पंचायत सदन के अध्यक्ष दीनानाथ शर्मा के अलावा, सीडीओ जितेंद्र नारायण, अपर मुख्य अधिकारी कमलेश सिंह समेत तमाम जिला पंचायत सदस्यों की मौजूदगी में घटित हंगामे के बाद भी, सदन में सभी प्रस्तावों को चर्चा के उपरांत स्वीकृत कर लिया गया. जिस पर 39 करोड़ का बजट खर्च किया जाना अनुमानित है.


बता दें कि जिला पंचायत कार्यालय सभागार में जिला पंचायत की बैठक बुलाई गयी थी. इसके पीछे मंशा यह थी कि जिला पंचायत सदस्य सदन के पटल पर चंदौली के विकास की कड़ी में अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखेंगे. बैठक की शुरुआत होते ही सपा खेमे के लोग सरकार पर हमलावर दिखे. सपा नेता प्रस्ताव दिए जाने के बाद भी उस पर कार्यवाही न होने का आरोप लगा रहे थे. यह बात वहां मौजूद भाजपा नेताओं को नागवार गुजरी. बैठक में तू-तू , मैं-मैं इस कदर बढ़ी की सदन हंगामें के शोर से गूंज उठा.

जिला पंचायत की बैठक बना सियासी अखाड़ा

दिलचस्प बात तो यह रही कि सपा और भाजपा की ओर से जो लोग सदन में हंगामा कर रहे थे, उनमें से कोई भी सदन का सदस्य नहीं था. चाहे वह सपा के दशरथ सोनकर हो या भाजपा के मृत्युंजय सिंह दीपू या फिर इंदल सिंह बाबा. जिला पंचायत के प्रतिनिधि के रूप में उनकी मौजूदगी बैठक में थी. लेकिन इनके द्वारा जनता से जुड़े मुद्दे उठाने की बजाय पार्टी के नाम पर हंगामा किया गया. एक बार तो ऐसा लगा कि मामला और तूल पकड़ेगा, लेकिन अन्य सदस्यों ने किसी प्रकार समझा-बुझाकर मामले को शांत किया.

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39 करोड़ की परियोजनाओं पर लगी मुहर

इस सम्बन्ध में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी कमलेश सिंह ने बताया कि सदन की गरिमा का ख्याल रखना सभी सदस्यों का नैतिक दायित्व है. सदन में इस तरह हंगामा करना अनुचित है. आगे से इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि बैठक के लिए नामित सदस्यों को ही शामिल किया जाए, ताकि ऐसी विषम परिस्थिति उत्पन्न न होने पाए. इस हंगामे के बीच 39 करोड़ की परियोजनाओं पर मुहर लगाई गई.

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