चंदौलीः जिले का चकिया क्षेत्र जानवरों के आतंक का अड्डा बन गया है. मगरमच्छ के बाद तेंदुआ की आमद ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है. कोतवाली क्षेत्र के दाउतपुर गांव के जंगल में तेंदुआ ने महिला समेत दो ग्रामीणों पर हमला कर घायल कर दिया और लापता हो गया. फिलहाल दोनों घायलों को चकिया संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. जहां एक की हालत चिंताजनक होने पर चिकित्सकों ने ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया.
बता दें शुक्रवार की शाम दाउतपुर गांव निवासी सरयू वनवासी (65) गेंहू पिसाकर जंगल के रास्ते घर लौट रहे थे. तभी झाड़ियों से निकलकर तेंदुआ ने अचानक हमला बोल दिया. सरयू ने तेंदुआ का डटकर मुकाबला किया और उसे भगा दिया, लेकिन इस दौरान उनका एक हाथ को बुरी तरह जख्मी कर हो गया. तेंदुआ ने हाथ की दो अंगुलियों को काट खाया.
इसके अलावा जंगल में बकरी चरा रही कलावती देवी (50) पर झपट पड़ा और मुंह और हाथ नोंच लिया. जानकारी होते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडा से लैस होकर मौके पर पहुंचे और जंगलों में तेंदुआ की तलाश में जुट गए.
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घटना के बाद दोनों घायलों को जिला संयुक्त चिकित्सालय चकिया में भर्ती कराया गया. जहां सरयू की हालत गंभीर देख उसे ट्रामा सेंटर रेफर करा दिया गया. तेंदुआ के हमले की जानकारी के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया. वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुटी गई. फिलहाल तेंदुआ के हमले से ग्रामीणों में भय व्याप्त है.
गौरतलब है कि बुधवार को चकिया कोतवाली क्षेत्र के भीषमपुर गांव के कुसुम्भर पहाड़ी के समीप खेत में सब्जी तोड़ रही महिला पार्वती सोनकर पर मगरमच्छ ने हमला बोल दिया था. महिला को जबड़े में दबोचकर नदी में खींच ले गया. जिससे महिला की मौत हो गई. घटना के बाद ग्रामीणों ने नदी के चारों ओर जाल लगाकर मगरमच्छ को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. महिला के शव को नदी में छोड़कर मगरमच्छ गायब हो गया.
सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई, लेकिन घटना से गुस्साए ग्रामीणों चिट्टियां सादुल्लापुर पर शव को सड़क पर रखकर जमकर हंगामा किया था. ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस और वन विभाग पर लापरवाही बरतने और सूचना के बाद भी मदद के लिए मौके पर नहीं पहुंचने का आरोप लगाया था.