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लॉकडाउन में फंसे युवकों का दल निकला 3300 किमी. की यात्रा पर

असम की 3300 किमी.की यात्रा पर निकला युवकों का दल उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले पहुंचा. यह दल रास्ते में खाना बनाते खाते अपना सफर पूरा कर रहा है. कोरोना संकटकाल को देखते हुए ये लोग अपने साथ खाना बनाने का सामान लेकर निकले हैं.

युवकों का दल 3300 किमी. की यात्रा पर
युवकों का दल 3300 किमी. की यात्रा पर

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Published : May 18, 2020, 8:05 PM IST

चंदौली:वैश्विक महामारी कोरोना की त्रासदी के चलते लॉकडाउन में फंसे लोगों की घर वापसी के लिए पलायन लगातार जारी है. इस दौरान प्रवासी मजदूरों की ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. दरअसल ये सभी घर वापसी के लिए हजार दो या ढाई हजार नहीं बल्कि साढ़े तीन हजार किलोमीटर के सफर पर निकले हुए हैं.

लॉकडाउन में फंसे युवकों का दल 3300 किमी. की यात्रा पर

हालांकि ये लोग अपना सफर कार से कर रहे हैं. लेकिन खास बात यह है कि ये लोग अपने साथ खाना बनाने का सामान भी साथ लेकर चल रहे हैं और खुद ही खाना बनाते खाते अपनी मंजिल की तरफ बढ़ रहे हैं. अपने सफर के दौरान यूपी के चंदौली पहुंचे इन युवकों ने ईटीवी भारत से अपने सफर की मजबूरी की कहानी साझा की.

चंदौली से होकर गुजरने वाले एनएच- 2 पर जहां पलायन को मजबूर युवकों का यह दल सड़क किनारे खाना खाता दिखा, जिसे इन्होंने अपने हाथों से खुद बनाया था. वहीं पास में ही गैस सिलेंडर और खाना बनाने का सामान भी रखा हुआ है. कोई थाली में खा रहा है तो कोई कड़ाही में. किसी बर्तन में दो से तीन लोग भी खा रहे हैं.

दरअसल ये सभी युवक दोस्त हैं और असम के करीमगंज जिले के रहने वाले हैं. ये सभी बैंगलोर में रहकर टैक्सी चलाते थे. इनमें से शमीम अहमद और नदीम नाम के युवक बैंगलोर में किराये की कार चलाते हैं और बाकी लोग दुकानों पर नौकरी करते थे. लॉकडाउन में जब इनका कामधंधा बन्द हुआ तो ये लोग घर वापसी करने को मजबूर हो गए.

लेकिन लॉकडाउन के चलते ट्रेन और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बन्द होने से इन लोगों की घर वापसी में मुश्किल आ रही थी. इसके बाद शमीम और नसीम ने अपने कार मालिक से बात की और घर जाने के लिये कार मांगकर अपने दोस्तों के साथ ही निकल पड़े. 3300 किलोमीटर के कठिन सफर पर लॉकडाउन में होटल और ढाबे भी बंद थे. लिहाजा इन लोगों ने खाना बनाने का सामान भी गाड़ी में रख लिया. सफर के दौरान ये लोग सुबह शाम खुद ही खाना बनाते हैं और आगे अपनी मंजिल की तरफ बढ़ जाते हैं.

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