चंदौली: यूपी को बिहार समेत पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने वाले कर्मनाशा पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद बारिश के सीजन में परिवहन व्यवस्था चालू रखने के लिए वैकल्पिक तौर पर स्टील ब्रिज का निर्माण किया गया, जिसकी लोड टेस्टिंग भी कर ली गई है. इसके जरिए बिहार से यूपी में प्रवेश किया जाएगा, जिसकी क्षमता 50 टन बताई जा रही है, लेकिन ओवरलोडिंग के खेल के लिए विख्यात इस रूट पर यह पुल भगवान भरोसे ही है.
अंधेरे में होता है ओवरलोडिंग का खेल
स्टील पुल का इस्तेमाल बिहार से आने के लिए किया जा रहा है, जिसकी क्षमता 50 टन है, लेकिन रात के अंधेरों में चोरी-छिपे ट्रक 80 से 90 टन माल और बालू लादकर पार हो रहे है. इसके लिए चंदौली में निगरानी का जिम्मा पुलिस और परिवहन विभाग को सौंपा गया है. जबकि बिहार में कैमूर और रोहतास जिला प्रशासन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. ताकि ओवरलोड वाहन यहां तक पहुंच ही न सके, लेकिन बावजूद इसके ओवरलोडिंग का खेल बदस्तूर जारी है.
...नहीं तो ध्वस्त हो जाएंगे सड़क और एप्रोच मार्ग
ओवरलोडिंग के कारण कर्मनाशा नदी पर नवनिर्मित स्टील ब्रिज का एप्रोच मार्ग भी धंस गया है, जो ओवरलोडिंग के खेल की कहानी बताने के लिए काफी है. एनएचएआई के टेक्निकल मैनेजर नागेश सिंह ने कहा कि ओवरलोड वाहनों पर बिहार सरकार ने प्रतिबंध नहीं लगाया तो पुल के साथ सड़क और एप्रोच मार्ग भी ध्वस्त हो जाएंगे. वहीं चंदौली से बिहार जाने के लिए नदी पर बने ब्रिटिश काल के पुल का जीर्णोद्धार करके बिहार की तरफ जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.
साल 2009 में बना था पुल
दरअसल, दिल्ली-हावड़ा एनएच-2 पर स्थित कर्मनाशा पुल का निर्माण 2009 में 155 करोड़ की लागत से हुआ था, लेकिन 28 दिसंबर 2019 में पुल के दो पिलर के विंग टूट गए थे. जबकि अन्य पिलर में दरार आ गई थी. इसके बाद तात्कालिक रूप से 25 करोड़ की लागत से दो डायवर्जन पुल बनाकर आवागमन शुरू कराया गया था, जो बरसात तक के लिए ही बना था. उसके बाद नदी का पानी बढ़ने पर इसे हटा दिया गया.
पूर्वोत्तर भारत से संपर्क टूटने का डर
बारिश के दिनों में परिवहन के लिए यहां स्टील ब्रिज बनाया गया, जिसकी टेस्टिंग भी पूरी की जा चुकी है. इस पुल की क्षमता 50 से 55 टन है. लेकिन अब एनएचएआई के अधिकारियों को डर सता रहा है कि अगर ओवरलोड ट्रक के यहां से गुजरी तो पुल भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा. जिससे पूर्वोत्तर भारत से संपर्क कट जाएगा. इस बाबत एनएचएआई के अधिकारियों ने ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए कैमूर, रोहतास और चंदौली समेत वाराणसी के जिला प्रशासन को पत्र लिखकर ओवरलोडिंग पर लगाम लगाने के लिए अपनी मांग दोहराई है.