पूर्व सपा विधायक मनोज सिंह डब्लू ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप. चंदौलीःएक तरफ केंद्र की मोदी सरकार 9 साल बेमिसाल अभियान चला रही है, तो वहीं सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू नौ साल चंदौली बदहाल अभियान चला रहे हैं. सोमवार को पूर्व विधायक माधोपुर स्थित इंडो-इजराइल पद्धति पर तैयार किए जा रहे सब्जी अनुसंधान केंद्र पहुंचे. यहां उन्होंने सैयदराजा के विधायक समेत सांसद और भाजपा के जनप्रतिनिधियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चंदौली के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कृषि प्रधान जनपद में आज तक कृषि की पढ़ाई का कोई बंदोबस्त नहीं हो सका है. जनप्रतिनिधियों की नाकामी और सरकार के किसान विरोधी होने के चलते इंडो-इजराइल सब्जी अनुसंधान केंद्र योजना परवान नहीं चढ़ सकी.
भाजपा पर हमला बोलते हुए मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि इंडो-इजराइल सब्जी अनुसंधान केंद्र की स्थापना मात्र छलावा है. क्योंकि, भाजपा के सांसद और विधायक को माधोपुर में बन रहे राजकीय मेडिकल कॉलेज को यहां से ले जाना था. ऐसे में आक्रोशित जनता को भ्रमिक करने के लिए यह षड्यंत्र किया गया. 6.66 करोड़ की लागत से अनुसंधान को स्थापित किया गया. लेकिन, इस अनुसंधान केंद्र के लाभ से जनपद और यहां के किसान वंचित हैं.
पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि जिस भूमि पर इंडो-इजराइज सब्जी अनुसंधान केंद्र को स्थापित किया गया है, वह उसर की जमीन है और इसके बेकार होने की रिपोर्ट भी आ गई है. सपा नेता ने बीजेपी के नेताओं से पूछा कि जब इसकी स्थापना की जा रही थी, तब जमीन की जांच क्यों नहीं की गई? यदि जांच हुई तो जांचकर्ता अधिकारी के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
6.66 करोड़ रुपये भाजपा सरकार ने किए बर्बाद:उन्होंने आरोप लगाया कि अपने राजनीति स्वार्थ को साधने के लिए जनता के 6.66 करोड़ रुपये भाजपा के नेताओं ने बर्बाद कर दिया. इसी पैसे से यदि सरकार और सरकार के नुमाइंदे चंदौली में एक कोल्ड स्टोरेज की स्थापना कर देते तो स्थानीय किसानों के लिए यह एक बड़ी मदद होती. किसान यहां शिमला मिर्च, हरी सब्जियां आदि की बेहतर पैदावार करने की दक्षता और क्षमता रखते हैं. लेकिन, कोल्ड स्टोरेज होने के अभाव में वह बड़े पैमाने पर इन सब्जियों की खेती करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते. यदि ऐसा होता तो जिले में सब्जियों को लेकर आमजन परेशान नहीं होता.
सरकार जमीनी स्तर पर काम करे:पूर्व विधायक मनोज सिंह ने कहा कि यहां बीएससी एग्रीकल्चर और एमएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई के महाविद्यालय की स्थापना आवश्यक है, ताकि युवा पढ़-लिखकर खेती-किसानी में आधुनिक संसाधनों और उन्नतशील बीजों का प्रयोग कर सके. इसके बाद ही यहा बेहतर पैदावार हो सकेगी और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी. यह तभी संभव होगा, जब मंच से बयानबाजी करने की बजाय सत्ता पक्ष सही मायनों में जमीनी स्तर पर काम करे.
इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल:गौरतलब है कि इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल तकनीक से खेती के आधुनिकतम तरीकों का प्रयोग कर किसान बेहतर उपज हासिल कर सकेंगे और सब्जियां निर्यात भी कर सकेंगे. इस उत्कृष्टता केंद्र से कृषि क्षेत्र को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने के लिए सब्जियों सहित अन्य कृषि उत्पादों की नर्सरी तैयार की जाएगी. पूर्व सपा विधायक मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि चंदौली में इसकी स्थापना के बाद पूर्वांचल के किसानों को एक नई उम्मीद जगी थी. यहां उन्नत सब्जियों के बीज और पौधे तैयार कर किसानों को वितरित किए जाने की योजना थी. किसानों को सब्जियों की पैदावार को बढ़ाने में काफी लाभ मिलता.
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