उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

संघ विचारक गोविंदाचार्य ने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत का किया स्वागत - संघ विचारक गोविंदाचार्य

संघ विचारक गोविंदाचार्य अपने प्रवास के दौरान चंदौली में पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत का स्वागत किया है.

संघ विचारक गोविंदाचार्य
संघ विचारक गोविंदाचार्य

By

Published : Sep 22, 2020, 9:57 PM IST

चन्दौली:संघ विचारक गोविंदाचार्य वारणसी से बक्सर के लिए अध्ययन प्रवास पर निकले हैं. इस दौरान उन्होंने मुग़लसराय में दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. पत्रकारों से बात करते हुए पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत का उन्होंने स्वागत किया, लेकिन यह भी कहा कि यह समझना होगा कि आत्मनिर्भर में आत्म क्या है? देश में बढ़ रहे निजीकरण के सवाल पर कहा कि सिर्फ वर्तमान नहीं, बल्कि 30 वर्ष के कार्यकाल को देखना होगा. क्योंकि जिस सरकार ने निजीकरण को बढ़ावा दिया है, उसी सरकार के शीर्ष नेतृत्व ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही है.

संघ विचारक गोविंदाचार्य.
उन्होंने कहा कि मैं समाज को मजबूत करने में लगा हूं. क्योंकि समाज और देश सत्ता से नहीं संस्कारों से चलता है. व्यक्ति से बड़ा होता है दल, और दल से बड़ा होता है देश. समाज आगे, सत्ता पीछे तब ही देश आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से वे रिसर्च में जुटे हैं. 1991 से 2001 के इस अध्ययन अवकाश में पाया कि इस दौरान ग्रामीण गरीबी नहीं घटी. हालांकि शहरी गरीबी थोड़ी घटी है. लोगों में आर्थिक विषमता बढ़ी, महिलाओं की स्थिति बदतर हुई. अपसंस्कृति बढ़ी. उन्होंने कहा कि मैं किसी भी राजनीतिक दल की सदस्यता ग्रहण नहीं करूंगा. संघ का था, हूं और रहूंगा.वहीं बीस साल पहले और वर्तमान के राजनीतिक परिदृश्य में अंतर के सवाल पर उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में बात राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में उलझती जा रही है. व्यक्ति से दल, दल से बड़ा देश है. उसमें केवल सत्तारूढ़ दल ही नहीं अपितु विपक्ष को भी संयमपूर्वक अपनी गति और दिशा को ठीक रखना जरूरी है. बढ़ी हुई बेरोजगारी को लेकर उन्होंने कहा कि प्लानिंग कमीशन को हमने सुझाव दिया है. पहले अप्रवासी मजदूरों की संख्या और उसके स्थिति को समझें और फिर प्लानिंग तैयार करें. कम भुगतान भी बेरोजगारी का एक छिपा हुआ रूप होता है. जिला वाइज आंकड़े उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए. देश में 127 इको एग्रो क्लाइमेटिक जोन हैं. उसके अनुसार रोजगार की प्लानिंग होनी चाहिए.

किसानों के लिए नए बिल को लेकर कहा कि सभी मुद्दों पर जरूरत से ज्यादा राजनीति हो रही है. हालांकि इस बारे में मुझे भी खास जानकारी नहीं है. मैंने उसको पढ़ा नहीं है, पढूंगा तो अपनी ओर से सरकार को प्रतिक्रिया भेजूंगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details