चन्दौली: राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास अवसर पर विवादित तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाई. संसद सत्र शुरू होते ही तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे. जिसके बाद सोशल मीडिया पर कमेंट की बाढ़ आ गई. लोग अपने ही अंदाज में इस बयान देते दिखे.
एक फेसबुक यूजर ने अपने वॉल पर पोस्ट करते हुए आगामी चुनावों में हार के डर से लिए गए फैसले के तौर पर लिखा की 'डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है.
वहीं एक यूजर निरंजन मिश्र ने लिखा कि 'वीकेंड की नींद से जब जगा तो पता चला कि देश को आजादी मिल गई, किसानों के संघर्ष को सलाम. गोपाल गिरी ने फेसबुक पोस्ट कर लिखा कि 'चुनावी एलान ने आखिर राकेश टिकैत को लठैत बना दिया.'
वहीं प्रधानमंत्री मोदी के तीनों कृषि कानून वापसी के एलान के बाद फेसबुक यूजर अभिनव पांडेय ने किसान प्रोटेस्ट की तश्वीर साझा करते हुए लिखा है कि 'झुकती है दुनिया, झुकाने वाला चाहिए'
वहीं फेसबुक यूजर मनोज सिंह डब्लू ने कृषि कानून को काला कानून बताते हुए लिखा है कि 'आगामी 2022 में यूपी चुनाव और चुनावी नतीजों की वजह से मोदी सरकार का यू टर्न. खलिस्तानी और डकैत जीत गए.'