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रेलवे की आईडी हैक कर ई-टिकट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 25 लाख रुपये मूल्य का टिकट बरामद - four accused arrested in chandauli

चन्दौली जिले में आरपीएफ और आरपीएफ क्राइम ब्रांच की टीम ने कार्रवाई करते हुए ई-टिकट का गोरखधंधा करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. टीम ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से करीब 25 लाख रुपए मुल्य का टिकट बरामद किया गया है. पुलिस ने सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है.

25 लाख रुपये मूल्य का टिकट बरामद
25 लाख रुपये मूल्य का टिकट बरामद

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Published : Sep 14, 2021, 10:57 PM IST

चन्दौली : रेलवे की साइट को हैक कर तत्काल टिकट का अवैध गोरखधंधा जारी है. जिसको रोकने के लिए आरपीएफ और आरपीएफ क्राइम ब्रांच की टीम लगी हुई है. इसी क्रम में मंगलवार को आरपीएफ डीडीयू ने अवैध रेल ई-टिकट में लिप्त चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसके अलावा करीब 25 लाख रुपये का ई-टिकट व नकदी बरामद किया है. आईआरसीटीसी को फर्जी लॉग इन आईडी के साथ ही अन्य उपकरण भी बरामद किए गए. आरपीएफ आरोपितों के खिलाफ कार्यवाई करने में जुट गई है.


दरअसल, पूर्व मध्य रेल के डीडीयू मंडल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा के दिशा-निर्देशन में टीम गठित कर अवैध ई-टिकट दलालों के खिलाफ अभियान के तहत कार्यवाई की जा रही है. टीम में डीडीयू आरपीएफ व क्राइम ब्रांच की टीम शामिल हैं. टीम द्वारा अन्य सुरक्षा एजेंसियों व एटीएस बिहार के सहयोग से रेलवे में अवैध सॉफ्टवेयर के माध्यम से तत्काल ई-टिकट निकालने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. हालांकि अवैध टिकट दलालों पर पहले भी आरपीरफ द्वारा कार्रवाई की गई है. लेकिन इस बार की कार्रवाई काफी बड़ी मानी जा रही है, क्योंकि अवैध सॉफ्टवेयर संचालक तक को भी आरपीएफ ने पकड़ने में सफलता हासिल की है.

छापेमारी के दौरान मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के काली महाल स्थित जनसेवा केंद्र चलाने वाले मो. इश्तियाक अहमद एवं उसके भतीजे मो. शहीम को पकड़ा गया. इनके पास से अवैध आईआरसीटीसी सॉफ्टवेयर, लगभग 75 फर्जी आईआरसीटीसी व्यक्तिगत अकाउंट पाया गया. इससे लगभग 1200 ई-टिकटों था, जिसका मूल्य लगभग साढ़े 13 लाख रुपये पाया है. जिसका अवैध व्यापार किया था. इसके साथ ही उसकी निशानदेही पर सारण जिला स्थित दिघवारा क्षेत्र से विजय उर्फ शिवा को तथा वाराणसी स्थित परसारा गांव से विकास सिंह को अवैध सुपर पैनल सॉफ्टवेयर का क्रय-विक्रय एवं उसके माध्यम से तत्काल टिकट निकालने वालों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से अवैध सॉफ्टवेयर, बूस्टर, एक्सटेंशन, वीपीएस, आईपी, एवं लगभग 222 आईआरसीटीसी के फर्जी यूजर अकाउंट तथा 606 अवैध ई-टिकट बरामद हुआ. जिसका मूल्य लगभग करीब 12 लाख रुपये है. इस प्रकार अवैध सॉफ्टवेयर के माध्यम से कुल तत्काल ई-टिकट 1720 बरामद हुआ. जिसका मूल्य लगभग 25 लाख रुपये बताया जा रहा है. उन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

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इस बाबत आरपीएफ के सीनियर कमांडेंट आशीष मिश्रा ने बताया कि ई-टिकटिंग के क्षेत्र में आरपीएफ साइबर सेल द्वारा सघन जांच की जा रही है. इसके लिए मंडल, जोनल रेलवे व रेलवे बोर्ड द्वारा सभी जांच को अंतिम कड़ी तक जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. ताकि इस समस्या का जड़ से निदान हो सके. आमजन को सुगमता से ई टिकट मिल सके. इसके लिए रेलवे कटिबद्ध है.

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