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स्वास्थ्य विभाग में हुई नियुक्ति पर उठे सवाल, शासन ने दिए जांच के आदेश

चंदौली में आरबीएसके के तहत हुई एएनएम समेत अन्य भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण यादव सदन में विधानसभा अध्यक्ष से किया था. शासन ने स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब किया है.

स्वास्थ्य विभाग में हुई नियुक्ति पर उठे सवाल, शासन ने दिए जांच के आदेश
स्वास्थ्य विभाग में हुई नियुक्ति पर उठे सवाल, शासन ने दिए जांच के आदेश

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Published : Mar 14, 2021, 1:30 PM IST

चंदौलीः सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर सवाल खड़े होते रहे हैं. ताजा मामला चन्दौली के स्वास्थ्य विभाग में सामने आया है. जहां एएनएम समेत अन्य भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण यादव सदन ने विधानसभा अध्यक्ष से किया था. जिसके बाद शासन ने स्वास्थ्य विभाग से 15 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट तलब किया है. जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप है.

सकलडीहा विधायक ने सदन में उठाया था सवाल

दअरसल जनवरी 2021 में आरबीएसए के तहत एएनएम और आयुष चिकित्सा विभाग के लिए डॉक्टरों व अन्य पदों के लिए संविदाकर्मियों की भर्ती की गई. ये भर्ती प्रक्रिया तत्कालीन सीएमओ आर के मिश्रा के नेतृत्व में हुआ था. जो अब रिटायर हो चुके हैं. इस भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता को लेकर शुरू से सवाल उठते रहे हैं. इस भर्ती प्रक्रिया में धांधली की शिकायत के बाबत सकलडीहा विधायक प्रभुनारायण सिंह यादव ने नियम 301 के तहत विधानसभा में सवाल उठाया है.

भर्ती निरस्त कर दोबारा किया जाए भर्ती

सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव का आरोप है कि चन्दौली में आरबीएसके के अंतर्गत संविदा के तहत एएनएम व अन्य पदों पर हुई भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई. जबकि आरबीएसके जिले के नोडल अधिकारी को कमेटी में नहीं रखा गया. यहीं नहीं अल्पसंख्यक कोटे का भी ख्याल नहीं रखा. इसके अलावा इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का भी पालन सही ढंग से नहीं किया गया. ऐसे में ये भर्ती प्रक्रिया संदिग्ध है. जिसे निरस्त करते हुए दोबारा संविदा भर्ती किये जाने की मांग की.

15 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

सकलडीहा विधायक प्रभु नारायण यादव की ओर से सदन में उठाये गए सवाल पर शासन की ओर से सचिव ने स्वास्थ्य विभाग से प्राथमिकता के आधार पर इस बाबत 15 दिनों के अंदर जांच कराकर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं. साथ ही निश्चित समयावधि में जांच रिपोर्ट न देने पर संबंधित अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की बात भी कही है. बहरहाल इस पूरे मामले की सच्चाई तो जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगी. लेकिन इस जांच के आदेश से स्वास्थ्य महकमे में खलबली जरूर मच गयी है.

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