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मोहन भागवत को राम मंदिर ट्रस्ट का प्रमुख बनाने के लिए चंदौली में अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास

सरकार द्वारा श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष के. परासरन समेत सदस्यों के नाम का एलान कर दिया है. वहीं इस फैसले से नाराज होकर अयोध्या के महंत परमहंस दास महाराज अनशन पर बैठ गए हैं.

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जगतगुरु परमहंस आचार्य महाराज.

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Published : Feb 6, 2020, 8:14 AM IST

Updated : Feb 6, 2020, 9:49 AM IST

चंदौली: सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट का गठन कर दिया है. इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे, जिसमें 9 स्थायी और 6 नामित सदस्य होंगे. यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराएगा, जिसके अध्यक्ष के.परासरन होंगे. इन सबके बीच सरकार के इस फैसले से नाराज होकर अयोध्या के महंत परमहंस दास महाराज अनशन पर बैठ गए हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत को परमाध्यक्ष बनाए जाने की मांग की.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते महंत परमहंस दास महाराज.

रामजन्मभूमि मंदिर के ट्रस्ट का परमाध्यक्ष संघ प्रमुख मोहन भागवत को बनाने की मांग के समर्थन में परमहंस दास महाराज ने बिलारीडीह शिव मंदिर पर अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की है. उन्होंने कहा कि जब तक संघ प्रमुख को ट्रस्ट का परमाध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा, तब तक वे अनशन पर रहेंगे.

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अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत
परमहंस दास महाराज माघ माह में प्रयागराज में संगम स्नान के लिए अयोध्या से चले थे. बुधवार को वह बिलारीडीह शिव मंदिर पहुंचे. दोपहर में उन्हें सूचना मिली कि संसद में राम मंदिर निर्माण के ल‌िए रामजन्मभूमि तीरथ क्षेत्र ट्रस्ट को मंजूरी दी गई है. इममें 15 सदस्य होंगे. महाराज ने इस ट्रस्ट का परमाध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को बनाने की मांग के समर्थन में अनशन की शुरुआत कर दी.

राष्ट्रवादी हाथों में हो ट्रस्ट संचालन
महाराज ने कहा कि रामजन्म भूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा से हर राम भक्त प्रसन्न है. यह मंदिर भ्रष्टाचार मु‌क्त, पाप मुक्त का केंद्र होगा. यहां से राम राज्य की परिकल्पना साकार होगी, लेकिन इसके साथ ही ट्रस्ट के संचालन की जिम्मेदारी राष्ट्रवादी के हाथ में होनी चाहिए. मोहन भागवत जैसे राष्ट्रवादी व्यक्ति के हाथों में ट्रस्ट देने से मंदिर का महत्व और बढ़ेगा.

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90 फीसदी आबादी पक्षधर
ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने यह भी दावा किया कि यह सिर्फ मेरी इच्छा नहीं है बल्कि अयोध्या के सभी धर्माचार्यों की इच्छा है. यही नहीं देश की 90 फीसदी आबादी इसकी पक्षधर है.

Last Updated : Feb 6, 2020, 9:49 AM IST

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