चंदौली:अपने काम और कारनामों को लेकर सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू अक्सर चर्चा में रहते हैं. ऐसे में उनके ऊपर प्रशासनिक शिकंजा कसने लगा है. उप जिला मजिस्ट्रेट सकलडीहा ने धीना थाना प्रभारी को आदेश जारी करते हुए कहा है कि पूर्व विधायक को गिरफ्तार कर 20 सितंबर को एसडीएम कोर्ट में पेश करें. उन्होंने सख्त निर्देश भी दिया है कि प्रत्येक दशा में आदेश का पालन करें. सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने इसे सत्ता का खेल करार देते हुए विधायक सुशील सिंह पर निशाना साधा.
20 सितंबर को होगी पेशी
दरअसल, एसडीएम सकलडीहा की ओर से एक मामले में पूर्व विधायक मनोज सिंह को 107/16 के तहत पाबंद किया गया है. पूर्व विधायक को 13 सितंबर को एसडीएम कोर्ट में उपस्थित होना था. इस संबंध में धीना पुलिस ने पूर्व विधायक तक नोटिस भी पहुंचा दी थी लेकिन, मनोज सिंह निर्धारित तिथि को एसडीएम कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में नाराज उप जिला मजिस्ट्रेट ने धीना थाना प्रभारी को आदेश जारी किया है कि अभियुक्त मनोज सिंह डब्लू को गिरफ्तार कर 20 सितंबर तक प्रत्येक दशा में कोर्ट में प्रस्तुत करें. निर्देशों के अनुपालन में कोई त्रुटि न हो.
विधायक मनोज सिंह डब्लू की गिरफ्तारी के आदेश सत्ता के इशारे पर किया जा रहा परेशान मनोज सिंह डब्लू ने बताया कि यह सब सत्ता के इशारे पर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब सड़कें सूनसान हो जाती हैं तो संसद बेईमान हो जाता है. हम मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. शासन सत्ता से सवाल पूछ रहे हैं तो प्रशासनिक अमले का इस्तेमाल कर हमें परेशान किया जा रहा है और अधिकारी भी अपनी नौकरी बचा रहे है. लेकिन हम न तो रुकने वाले है न तो झुकने वाले. जनता की आवाज हो हमेशा उठाते रहेंगे.
इस संबंध में धीना थाना प्रभारी अतुल कुमार प्रजापति ने बताया कि उप जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों का हर हाल में अनुपालन कराया जाएगा. इसके लिए थाने के एसआई सुग्रीव प्रसाद गुप्ता को निर्देशित किया जा चुका है. साथ ही पूर्व विधायक को भी इससे अवगत करा दिया गया है.
पहले भी दर्ज हो चुके हैं मुकदमे
सनद हो कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब मनोज सिंह डब्लू के खिलाफ मामूली धाराओं में कार्रवाई की गई हो या चेतावनी जारी की गई हो. इससे पहले भी मनोज सिंह शांति भंग आशंका और कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के आरोप में दो बार जेल जा चुके हैं. इसके अलावा पिछले दिनों तंत्र-मंत्र को लेकर ग्रामीणों के समर्थन में धरना प्रदर्शन करने के आरोप में, सरकारी काम में बाधा समेत 15 गंभीर धाराओं में उनपर मुकदमा दर्ज किया गया था.