चंदौलीः एक तरफ रविवार को पूरा देश पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को याद कर रहा था, उनकी याद में कैंडल मार्च और तिरंगा यात्रा निकाल रहा था, वहीं शहीद अवधेश यादव की किसी अधिकारी को सुध ही नहीं थी. चन्दौली के लाल के शहादत दिवस पर न तो जिले का कोई सक्षम अधिकारी पहुंचा और न ही कोई जनप्रतिनिधि. यही नहीं, जिले के दौरे पर रहे प्रभारी मंत्री भी प्रोटोकॉल का बहाना बनाकर परिजनों से बिना मिले ही चले गए.
14 फरवरी को हुआ था पुलवामा अटैक
14 फरवरी 2019 भारतीय इतिहास का काला दिन था. इस दिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसको लेकर राजनीति भी खूब हुई. बाद में सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर जवानों की शहादत का जवाब दिया. इसी पुलवामा हमले में चंदौली के तोफापुर के रहने वाले अवधेश यादव भी शहीद हुए थे. रविवार को अवधेश की शहादत की दूसरी बरसी थी लेकिन जिले डीएम, एसपी, विधायक, सांसद कोई भी उनके घर नहीं पहुंचा. किसी ने उनके परिजनों का हाल जानना जरूरी नहीं समझा.
प्रोटोकॉल काल बहाना बनाकर टाल गए मंत्री
हद तो तब हो गई जब प्रदेश सरकार में ऊर्जा राज्य मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल आम बजट को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने रविवार को दीनदयाल नगर पहुंचे. वहां बजट को लेकर पत्रकार वार्ता और संगोष्ठी की. इस दौरान जब उनसे यह पूछा गया कि थोड़ी ही दूरी पर तोफापुर में पुलवामा हमले के शहीद अवधेश का घर है, आज उनकी बरसी है, क्या परिजनों से मिलने वहां जाएंगे तो पहले तो मंत्री मुस्कुराए. फिर कैमरे की उपस्थिति देख खुद को संभालते हुए बोले की हमारा कार्यक्रम ऊपर से तय होता है. यहां पार्टी के जिलाध्यक्ष जी भी हैं. इनका आदेश होगा तो वहां भी जाएंगे. हम लोग प्रोटोकॉल के हिसाब से चलते हैं.
शहीद के घर नहीं पहुंचे प्रभारी मंत्री
अगले ही पल शहीद के घर प्रोटोकॉल तोड़कर और बिना प्रोटोकॉल के ही जाने की बातों की दलील देते दिखे, लेकिन इन सबके बावजूद शाम तक प्रभारी मंत्री समेत कोई भी शहीद के घर नहीं पहुंचा. इसको लेकर परिजनों व लोगों में नाराजगी है.
सीआरपीएफ कमांडेंट व क्षेत्रीय नेताओं ने लिया परिजनों का हाल
हालांकि सीआरपीएफ 61 बटालियन दुलहीपुर चन्दौली के कमाण्डेंट विक्रम सिंह शहीद के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि शहीद रमेश तो चले गए लेकिन अपनी अमिट छाप छोड़ गए. श्रद्धांजलि देने सपा नेता आनंद मोहन गुड्डू, अजय मौर्य,रामधारी, राजा,अजय राजभर सहित दर्जनों लोग पहुंचे थे.