उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

'गणेश' की हुई कृपा, रिहा हुए मिट्ठू हाथी

करीब डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से बेड़ियों में जकड़े मिठ्ठू हाथी की रिहाई का इंतजार खत्म हो गया है. सोमवार को मिट्ठू हाथी को लेने दुधवा नेशनल पार्क की टीम पहुंची. साथ ही हाइड्रोलिक एलिफेंट ट्रांसपोर्टिंग वैन से अपने साथ ले गई.

Mitthu hathi  mitthu hathi released  varanasi commissioner  varanasi commissioner a satish ganesh  chandauli news  रिहा हुआ मिट्ठू हाथी  मिट्ठू हाथी  चंदौली खबर  वाराणसी कमिश्नर
रिहा हुए मिट्ठू हाथी.

By

Published : Jun 14, 2021, 10:36 PM IST

चन्दौलीः कथित हत्याकांड के आरोप में करीब डेढ़ साल से ज्यादा वक्त से बेड़ियों में जकड़े मिठ्ठू हाथी की रिहाई का इंतजार खत्म हो गया. दुधवा नेशनल पार्क से पहुंची टीम हाइड्रोलिक एलिफेंट ट्रांसपोर्टिंग वैन से मिट्ठू हाथी को अपने साथ ले गई. इससे पूर्व टीम ने बाकायदा हाथी का स्वास्थ्य परीक्षण किया. बता दें की वाराणसी कमिश्नर ए. सतीश गणेश की विशेष पहल के बाद रिहाई संभव हो सकी.


दरअसल बहुप्रतीक्षित मिट्ठू हाथी की रिहाई के लिए दुधवा नेशनल पार्क के डॉ. दयाशंकर सहित चार महावत और मथुरा के एसओएस सेंटर से डॉ. राहुल भटनागर की निगरानी में गजानन को ले जाने की कार्रवाई की गई. सुरक्षा के लिहाज से टीम की ओर से खीरा में कुछ दवा मिलाकर हाथी को खिलाया गया. हाथी को ले जाने से पहले टीम ने हाथी का परीक्षण किया. इस दौरान हाथी पूरी तरह स्वस्थ था. हाथी की उम्र लगभग 40 साल बताई जा रही है.

हाइड्रोलिक एलिफेंट ट्रांसपोर्टिंग वैन के साथ दुधवा नेशनल पार्क की टीम.

कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने की थी पहल

ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि उनको इस बात की जानकारी हुई थी कि एक हाथी कई सालों से वन्य जीव संरक्षण के कैद में है. हत्या के मामले में उसे यह सजा दी गई है, जो काफी अमानवीय प्रतीत हुई. इस दिशा में बातचीत करते हुए जल्द ही उसे दुधवा नेशनल पार्क भेजने की पहल की गई, लेकिन लॉकडाउन की वजह से वहां शिफ्ट नहीं किया जा सका.

इसे भी पढ़ें- फिर टली मिट्ठू हाथी की रिहाई, ये वजह बनी रोड़ा...

2019 में हाथी को मिली थी सजा

बता दें कि पूरा मामला चंदौली जिले के बबुरी का है. यहां डेढ़ साल पहले 20 अक्टूबर 2019 को एक हाथी ने रमाशंकर नाम के एक शख्स की जान ले ली थी. रमाशंकर के परिजनों ने हाथी और हाथी के महावत के खिलाफ बबुरी थाने में हत्या की तहरीर दिया था. हालांकि बबुरी पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने की बजाय इस्तेफकीया दाखिल किया था.

मिट्ठू हाथी को दुधवा नेशनल पार्क ले जाते वन कर्मचारी.

हाथी और महावत दोनों हुए थे गिरफ्तार

जिसके बाद हाथी और महावत दोनों गिरफ्तार भी किए गए थे. महावत को जेल भेज दिया गया, जबकि हाथी को वाराणसी के रामनगर स्थित वन्य जीव संरक्षण विभाग के सुपुर्द कर दिया गया और तब से वह बेड़ियों में जकड़ा था. इस घटना के बाद महावत को तो कुछ दिन बाद जमानत मिल गई, लेकिन हाथी अभी कैद में है. जमानत के लिए अर्जी जरूर डाली गई, लेकिन सुनवाई शुरू होने से पहले लॉकडाउन लग गया और जमानत की अर्जी आगे बढ़ गई.

इसे भी पढ़ें- चंदौली: दस महीने से कैद में है हाथी, हत्या करने का है आरोप

कोर्ट के आदेश के बाद भेजा गया हाथी

डीएफओ दिनेश सिंह ने बताया कि चंदौली न्यायालय से गजानन मिठ्ठू को दुधवा नेशनल पार्क भेजने का आदेश हो चुका था. दुधवा पार्क के डायरेक्टर संजय पाठक से पिछले माह मिठ्ठू को ले जाने को लेकर बात हुई थी. उन्होंने जल्द टीम भेजने की बात कही थी, लेकिन कोरोना संक्रमण आने के साथ थोड़ी दिक्कत आ गई. टीम समय से एक दिन पहले आ गई. हाथी को भेजने की पूरी तैयारी हो चुकी थी. टीम के साथ एक रेंजर सहित चार अन्य कर्मचारी को भी दुधवा नेशनल पार्क भेजा गया है. हाथी के महावत तुलसीराम के बेटे रिंकू सोनकर और भतीजा संजय भी साथ गए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details