चंदौलीः कोरोनाकाल का लॉकडाउन तो आपको याद ही होगा. नौकरी और रोजगार छिनने पर मीलों दूर से घर लौटते मजदूरों, परिवारों और युवों के वे चेहरे, अभी तक शायद ही कोई भूला होगा. कोई अपनी बसी बसाई गृहस्थी छोड़कर आया था तो कोई अपनी मोहब्बत. उसी दौरान मुंबई के एक युवक की नौकरी चली गई तो उसे भी मजबूरन सबकुछ छोड़कर गांव लौटने का फैसला लेना पड़ा. रातों-रात वह अपनी प्रेमिका को बिना बताए घर लौट गया. प्रेमिका को न तो प्रेमी का घर पता था और न ही परिवार. उसने हार नहीं मानी और लगी रही प्रेमी के घर का पता खोजने में. आखिरकार उसके हाथ एक ऐसा सुराग लग गया जिससे उसने प्रेमी के घर और परिवार का पता खोज निकाला. वह तुरंत प्रेमी के घर पहुंच गई. हालांकि प्रेमी के परिवार ने उसे स्वीकारने में न-नुकुर की. इस पर उसने पुलिस का सहारा ले लिया. पुलिस ने मध्यस्तता कराकर दोनों पक्षों को निकाह के लिए राजी कर लिया.
लॉकडाउन से पहले चंदौली का शमशाद अंसारी मुंबई में नौकरी करता था. वहां वह मुंबई की रहने वाली आईशा से मोहब्बत करने लगा. दोनों का प्यार अभी परवान चढ़ा ही था कि कोरोनाकाल आ गया और लॉकडाउन लग गया. शमशाद की नौकरी छिन गई. बेरोजगार शमशाद को कुछ नहीं समझ में आया तो वह रातों-रात अपनी प्रेमिका को छोड़कर सैयदराजा स्थित अपने घर लौट आया. उसने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया. घर लौटकर उसने अपनी प्रेमिका से संपर्क भी नहीं किया.