चंदौली:वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कई लोगों ने इस आपदा को अवसर में बदल डाला. देश के प्रधानमंत्री भी अपने संबोधन में कई बार आत्मनिर्भर बनने की बात को दोहरा चुके हैं. अब धीरे-धीरे इसका असल लोगों में होने लगा है. पीएम के इस आवाहन को चंदौली के रहने वाले लाल बहादुर ने आत्मसात कर लिया है. लॉकडाउन के दौरान लाल बहादुर अपने घर के छत पर सब्जियों की जैविक खेती कर रहे हैं. जैविक तरीके से फलों और सब्जियों को उगाकर वे आत्मनिर्भर तो बने ही, साथ ही कोरोना काल में आपदा को अवसर में भी बदल दिया.
चंदौली में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के वार्ड नंबर-5 में रहने वाले लाल बहादुर अपने घर की छत पर हरी मौसमी सब्जियां उगाकर कम लागत में स्वस्थ जीवन जी रहे हैं. खास बात यह है कि सब्जी की खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक है. लाल बहादुर ने 500 स्क्वायर फीट एरिया में में ही पालक, लहसुन, हरी मिर्च, फूल गोभी, शिमला मिर्च, मूली, गाजर बैगन, चुकंदर, धनिया, करेला, बोरा, नेनुआ समेत दर्जन भर किस्म की की सब्जी व फल उगा रहे हैं. लाल बहादुर बताते हैं कि सब्जियों के पौधों की हरियाली से छत गुलजार है और बेहद फायदेमंद भी.
हाइजेनिक, ऑर्गेनिक और स्वादिष्ट सब्जी
लाल बहादुर ने बताया कि कोरोना के शुरुआती लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद थे, तो ताजी और हरी सब्जियां मिलना मुश्किल हो गया था. साथ ही सब्जियों की महंगाई भी बढ़ गई. ऐसे में सब्जियों की बढ़ती महंगाई से निजात पाने और ताजी सब्जियों के लिए छत पर सब्जियों की खेती शुरू करने की योजना बनाई. उनके इस काम में पर्यावरण विद मित्र विजय ने भी काफी सहयोग किया. जिसके बाद उन्होंने ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगाने का निर्णय लिया. अब एक छोटे अंतराल के बाद इसका लाभ भी मिलना शुरू हो गया. रोजाना अलग अलग किस्म के सब्जियां उन्हें खाने को मिल जाती है. यह सब्जियां पूरी तरह हाइजेनिक और ऑर्गेनिक है, साथ ही बेहद स्वादिष्ट भी.
टेरेस गार्डन की तर्ज पर जैविक सब्जी की खेती
टेरेस गार्डेन की तर्ज पर शुरू की जैविक सब्जियों की खेती में सफलता से उत्साहित लाल बहादुर अब अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को भी इस खेती के मायने समझा रहे हैं. उन्हें छत पर जैविक तरीके से सब्जियों के खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.
दो सेक्शन की है सब्जियों की खेती