चंदौली : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के नामांकन के आखिरी दिन पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह व छत्रबली सिंह कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे. अबकी बार दोनों पूर्व अध्यक्ष खुद का नामांकन करने की बजाय प्रस्तावक की भूमिका में नामांकन कराने पहुंचे थे. इनकी तरफ से शहाबगंज सेक्टर-1 से आजाद राम व सेक्टर-2 से दीनानाथ शर्मा का नामांकन कराया गया. दिलचस्प यह कि दोनों ही उम्मीदवारों को भाजपा ने टिकट नहीं दिया. बावजूद इसके दोनों भाजपाई होते हुए पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ खड़े नजर आए.
भाजपा के बागी प्रत्याशियों के प्रस्तावक बने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली और सरिता सिंह
उत्तर प्रदेश के चंदोली जिले में इस बार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सरिता सिंह और छत्रबली सिंह भाजपा के बागी प्रत्याशियों के प्रस्तावक की भूमिका में नजर आए. इस दौरान जब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दोनों उम्मीदवार उनके गांव-इलाके के रहने वाले हैं, जो शुरू से ही चुनाव लड़ रहे हैं.
लोकतंत्र में सबको लड़ने का अधिकार
इस दौरान जब पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि दोनों उम्मीदवार उनके गांव-इलाके के रहने वाले हैं, जो शुरू से ही चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों उम्मीदवार निर्दलीय हैं, जो किसी दल से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. पार्टी द्वारा टिकट घोषित किए जाने की जानकारी न होने की बात कहके उन्होंने इस विषय से कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
फिलहाल गांव के साथ, पार्टी के बारे में देखा जाएगा
वहीं पार्टी के फैसले के साथ रहने के बाबत पूछने पर छत्रबली सिंह ने कहा कि फिलहाल वह गांव के साथ हैं. आगे जहां मौका आएगा, पार्टी के बारे में देखा जाएगा. हर व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र है. यह कोई पार्टी के सिम्बल का चुनाव नहीं है. दीनानाथ के बाबत उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के नौजवान हैं, जो शहाबगंज ब्लॉक के प्रमुख रहते हुए विकास का काम कर चुके हैं. ;
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प्यादे के सहारे कुर्सी हथियाने की जुगत में छत्रबली
गौरतलब है कि पिछले एक दशक से इस दंपति का जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा रहा है. हालांकि अब चंदौली जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट ओबीसी के लिए आरक्षित कर दिया गया है, लेकिन इस छत्रबली सिंह का इस अध्यक्ष पद की कुर्सी से मोह भंग नहीं हो रहा है और वो अपने प्यादे के सहारे एक बार फिर अध्यक्ष पद की कुर्सी हथियाने की जुगत में है.