चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली में पंचायत सहायकों की नियुक्ति में हुई धांधली ग्राम पंचायत अधिकारियों को भारी पड़ गई है. गड़बड़ी की पुष्टि होने पर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने ग्राम पंचायत अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. सचिवों ने पंचायत सहायक की नियुक्ति के लिए फर्जी हस्ताक्षर, मुहर व अपात्रों के प्रस्ताव बनाकर जिला स्तरीय समिति के सामने प्रस्तुत कर दिया. जिसके बाद पात्रों ने इसको लेकर शिकायत की थी.
सदर ब्लॉक के भिखारीपुर ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी राजेश्वर पाल ने कृष्णावती देवी के फर्जी हस्ताक्षर व मुहर लगाकर कूट रचित प्रस्ताव तैयार कर जिला स्तरीय समिति को भेज दिया था. शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने इसकी जांच कराई तो आरोप सही पाए गए. इस पर ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करने के साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है. ग्राम प्रधान को पुन ग्राम पंचायत की बैठक कराकर नए सिरे से पंचायत सहायक का चयन करना होगा.
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इसी प्रकार चकिया के भीष्मपुर गांव में धांधली हुई थी. ग्राम पंचायत अधिकारी वरुण कुमार सिंह ने कोरोना मृतक आश्रित रवि मौर्या के प्रस्ताव को खारिज करते हुए अपात्र का प्रस्ताव भेजा था. इस पर सचिव के निलंबन की संस्तुति करते हुए एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए. बरहनी ब्लाक के जमुड़ा और कंदवा ग्राम पंचायत में प्रधान का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था.
शासनादेश के अनुसार पंचायत सहायक का पद भी अनुसचित जाति का होना चाहिए. ग्राम विकास अधिकारी जगदीश केशरी ने सिर्फ पुरुष अभ्यर्थियों की मेरिट बनाई और अनुसूचित महिला अभ्यर्थियों का आवेदन निरस्त कर दिया.
इसी प्रकार पोखरा ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक के अनारक्षित पद पर कोरोना वायरस मृतक आश्रित में पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थी का चयन कर लिया गया. इस पर जांच उपरांत जिलाधिकारी संजीव सिंह ने डीपीआरओ को सचिव के खिलाफ निलंबन व एडीओ पंचायत को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने का आदेश दिया. डीएम की इस कार्रवाई से पंचायत विभाग में हड़कंप की स्थिति है.
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