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धान खरीद का लक्ष्य हुआ पार, किसानों को भुगतान में हो रहा रार

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Published : Feb 21, 2021, 8:35 AM IST

धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली में किसानों को समय पर भुगतान न होना सबसे बड़ी समस्या रही है. इस साल भी किसानों का 125 करोड़ रुपये का भुगतान फंसा हुआ है. जिससे किसान काफी परेशान है.

धान.
धान.

चंदौली:धान के कटोरे चंदौली में धान की खरीद और समय से भुगतान एक कठिन प्रक्रिया रही है. इस बार भी जिला प्रशासन के प्रयास से धान की खरीद लक्ष्य एक लाख 95 हजार मिट्रिक टन से अधिक पहुंच चुकी है. इसके बावजूद 28 फरवरी तक धान खरीद की प्रक्रिया चलेगी. ताकि अधिक से अधिक किसानों के धान की खरीदारी हो सके, लेकिन इस साल भी किसानों का 125 करोड़ रुपये का भुगतान फंसा हुआ है. जिससे किसान परेशान है और दफ्तर के चक्कर लगा रहा है.

जानकारी देते किसान.

3 एजेंसियों के 32 केंद्र हो रहे संचालित
दरअसल, चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है. ऐसे में पैदावार को देखते हुए इस बार शासन की ओर से एक लाख 95 हजार मिट्रिक टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 9 एजेंसियों के कुल 112 क्रय केंद्र खोले थे. वर्तमान में पीसीयू, नेफेड, एनसीसीएफ, यूपीएसएस, मंडी, यूपी एग्रो आदि एजेंसियों के क्रय केंद्र पर धान की खरीद प्रक्रिया बंद हो गई है. सिर्फ मार्केटिंग, पीसीएफ, एफसीआई एजेंसी के कुल 32 क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं. इन केंद्रों पर धान की खरीद हो रही हैं.

28 फरवरी तक चलेगा खरीद
जिले में 15 फरवरी तक करीब 33,254 किसानों से दो लाख 3 हजार मिट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. जो विभागीय लक्ष्य से 8 हजार मिट्रिक टन अधिक खरीद है. बावजूद इसके अभी भी खरीदारी जारी है. ऐसे में लक्ष्य से ज्यादा धान की खरीद के साथ ही अधिक से अधिक किसानों की धान बिक सकेगा.

एक महीने बाद नहीं मिल सका भुगतान
बता दें कि 15 फरवरी तक 33,254 किसानों से धान क्रय किये गए हैं. जिनके धान का क्रय लक्ष्य से ज्यादा 2 लाख 2 हजार मीट्रिक टन है. जिसकी कुल कीमत 380 करोड़ रुपए है. लेकिन अबतक 125 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया जा सका. जिससे कृषकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसान राजीव पांडे ने बताया कि काफी जद्दोजहद के बाद धान क्रय केंद्र पर बिक्री हो सकी. डेढ़ सौ कुंतल धान बेचने के बाद अब भुगतान नहीं होने के चलते अगली फसल की खेती प्रभावित हो रही है. खाद, बीज से लेकर ट्रैक्टर जुताई तक के खर्च की समस्या हो रही है.

क्रय केंद्रों पर बदइंतजामी के चलते बिचौलिये को बेचना पड़ा धान
वहीं एक अन्य किसान जगत नारायण उपाध्याय ने बताया की सरकार सिर्फ जुमलेबाजी कर रही है. धान क्रय केंद्रों पर कोई सहूलियत नहीं है. नंबर लगाते लगाते लोग परेशान हो जा रहे है. अंततः सस्ते दामों पर बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ा, लेकिन अब उसका भुगतान जिससे तरह तरह की समस्या सामने आ रही है.

जिले में लक्ष्य के सापेक्ष धान की खरीद अधिक हुई है. अभी खरीद 28 फरवरी तक की जाएगी. 32 केंद्र जनपद में संचालित है. क्रय कुल धान की की कीमत 380 करोड़ के सापेक्ष 255 करोड़ रुपये किसानों के खाते में भेज दिया गया. जल्द ही शेष धनराशि किसानों के खाते में भेज दी जाएगी.

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