चन्दौली: जिले में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण धान की फसल बर्बाद हो गई. बेमौसम हुई इस बारिश की वजह से धान की फसल खराब होने के साथ ही गेंहू की बुआई भी पिछड़ रही है. ऐसे में किसानों को प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है, लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है और किसानों के मुनीम कहे जाने वाले लेखपाल हड़ताल पर बैठे हैं.
बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल. बेमौसम बरसात में बर्बाद हुई किसानों की फसल
बेमौसम हुई बरसात से किसानों की तैयार फसल बर्बाद हो गई. वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन भी किसानों की कोई सुध नहीं ले रहा है. किसान इस इन्तजार में हैं कि प्रशासन का कोई नुमाइंदा आएगा और नुकसान का सर्वेक्षण कर उसपर मुआवजे का मरहम लगाएगा.
जानिए पीड़ित किसानों ने क्या कहा
प्रकृति की मार झेल रहे किसानों से ईटीवी भारत ने बात करने का प्रयास किया तो उनका दर्द बरबस ही छलक आया. किसानों ने बताया कि खेती ही उनकी आमदनी का एकमात्र सहारा है. लेकिन मौसम की बेरुखी से वो भी बर्बाद हो गई, जिससे हमारा परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है. किसानों का कहना है कि अब सरकार हम लोगों के नुकसान का आंकलन करके उसका उचित मुआवजा दे.
केवल बीमित किसानों का हो रहा सर्वेक्षण
कृषि विभाग अभी सिर्फ उन्हीं किसानों का सर्वेक्षण में जुटा है जो कि बीमित है. चन्दौली जिले में कुल 1 लाख 91 हजार किसान है, जिसमें से मात्र 23 हजार किसान ही बीमित है. ऐसे में बीमित किसानों का सर्वेक्षण कर और उनके नुकसान का आंकलन करके बीमा की धनराशि दी जाएगी.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि कृषि विभाग सिर्फ बीमित किसानों का ही सर्वेक्षण कर लाभ देगा, जिनकी संख्या मात्र 23 हजार है. फिर उन किसानों का क्या होगा जिनका बीमा नहीं हुआ है और फसल बर्बाद हो गई है?