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बच्चे के दिल में था छेद या फिर इलाज के दौरान हुआ खेल, पढ़िए पूरा मामला

चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर स्थित एक निजी अस्पताल में डेढ़ महीने के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से बच्चे की जान गई. वहीं क्लीनिक संचालक का कहना है कि बच्चे के दिल में छेद था और हालत पहले से ही बहुत खराब थी.

अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ करते परिजन.
अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ करते परिजन.

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Published : Sep 29, 2021, 5:35 PM IST

चंदौलीः पीडीडीयू नगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती डेढ़ महीने के बच्चे की मौत के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया. डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की हालत पहले से ही बहुत खराब थी. तोड़फोड़ का मामला क्लीनिक में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. इस मामले में पुलिस ने क्लीनिक के डॉक्टर को थाने ले जाकर पूछताछ की है.

मुगलसराय के परशुरामपुर निवासी जयप्रकाश की माने तो उनका बच्चा मायाबिंद चाइल्ड क्लीनिक हॉस्पिटल में 3 दिनों से एडमिट था. जिसको सर्दी निमोनिया की परेशानी थी. इसलिए उन्होंने उसे वहां इलाज के लिए भर्ती करवाया. बताया कि उनका बच्चा लगभग डेढ़ महीने का था, जिसको आईसीयू में रखा गया और ऑक्सीजन लगा हुआ था. जयप्रकाश ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की मौत हुई है.

सफाई देते क्लीनिक के संचालक.

मरीज के साथ परिजनों के रुकने पर लगते हैं 500 रुपये

जयप्रकाश के अनुसार डाक्टरों का कहना था कि बच्चा स्वस्थ्य है और हो सकता है कि कल छुट्टी कर दी जाए. जयप्रकाश ने एक और आरोप लगाते हुए कहा कि मायाबिंद चाइल्ड क्लीनिक में एक नया नियम है कि अगर एक मरीज के साथ कोई भी अन्य व्यक्ति रुकेगा तो 500 रुपया अलग से लिए जाएंगे. जयप्रकाश ने बताया कि जब कुछ देरी बाद देखा तो बच्चा हिचकियां ले रहा था. उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी. जिस पर डॉक्टरों को बुलाया, मगर डॉक्टर काफी देर तक नहीं पहुंचा और जब डॉक्टर वहां पहुंचा तो उल्टा डांटना शुरू कर दिया. कहा कि तुम कहां थे, तुमको बच्चे के पास रहना चाहिए था और हमें बाहर निकाल दिया.

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डॉक्टर ने कहा बच्चे के दिल में था छेद

मायाबिन्द चाइल्ड क्लीनिक के संचालक डॉ. राजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे डॉक्टरों पर लगाए गए सभी आरोप गलत हैं. बच्चे के दिल में छेद था, जिसकी जांच करवाने के लिए कहा गया और उसकी दवा भी चल रही थी. यह बात हम लोगों ने पहले ही बच्चे के घरवालों को बता दिया था. साथ ही उनसे लिखित भी ले लिया था. डॉ. राजेंद्र ने बताया कि मरीज के परिजनों द्वारा हमारे हॉस्पिटल में तोड़फोड़ की गई जो गलत है. समाचार लिखे जाने तक मृतक बच्चे के परिजनों ने थाने में कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई थी. वहीं मामले में पुलिस उक्त हॉस्पिटल के डॉक्टर को थाने लाकर पूछताछ कर रही है.

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