चंदौली:एक तरफ जहां सरकार कोविड-19 संक्रमण के रोकथाम को लेकर तरह-तरह के प्रयोग कर रही है. वहीं अधिकारी इस महामारी काल में भी अपनी तिजोरी भरने में जुटे हैं. गांव-गांव निगरानी समितियों को वितरित करने के लिए थर्मल स्कैनर की खरीद में घोटाले का मामला संज्ञान में आया है. पंचायती राज विभाग की तरफ से सभी थर्मल स्कैनर मशीन एक ही कंपनी से खरीदे गए हैं. जिसकी कीमत निर्धारित मूल्य से कहीं ज्यादा है.
चंदौली में थर्मल स्कैनर की खरीद में बड़ा घोटाला, जांच के आदेश
यूपी के चंदौली में कोविड-19 की जांच के लिए थर्मल स्कैनर की खरीद में बड़ा घोटाले का सामने आया है. इसका संज्ञान लेते हुए उपनिदेशक पंचायत वाराणसी ने डीएम को जांच कराने के निर्देश दिए हैं.
उपनिदेशक पंचायत वाराणसी एके सिंह ने इसका स्वत संज्ञान लेते हुए अनियमितता की आशंका जताते हुए जिलाधिकारी को पत्र भेजकर जांच कराने को कहा है. इसके बाद डीएम चन्दौली ने तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी. जो कि 10 दिनों में जांच कर डीएम को रिपोर्ट सौंपेगी.
डीएम को दिए जांच कराने के आदेश
दरअसल, कोविड संक्रमितों की जल्द पहचान हो सके, इसके लिए शासन के निर्देश पर जिले भर में सर्विलांस टीम बनाकर सभी 734 ग्राम सभाओं में लोगों की थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है. इसके लिए निगरानी समितियों और आशा बहुओं को थर्मल स्कैनर खरीदने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को सौंपी गई थी. लेकिन पंचायत राज विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने इसे एक ही कंपनी से थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर खरीदा लिया. इसके बदले उस कंपनी को निर्धारित से कहीं अधिक कीमत चुकाई गई. इसका संज्ञान लेते हुए उपनिदेशक पंचायत वाराणसी एके सिंह ने मामले में जिलाधिकारी से जांच कराने को कहा है.
10 दिनों में देनी होगी रिपोर्ट
उपनिदेशक के पत्र में डीपीआरओ कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी व खंड विकास अधिकारियों का जिक्र किया गया है कि ये लोग कंपनी के साथ मिलीभगत कर संसाधनों की खरीद में अनियमितता बरती है. कंपनी और खुद को लाभ पहुंचाने के लिए शासकीय धन का दुरूपयोग किया गया है. वहीं उपनिदेशक पंचायत का पत्र मिलने के बाद महकमे में खलबली मच गई. जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए उद्योग उपायुक्त, जिला पंचायत राज अधिकारी और वित्त व लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है. समिति को 10 दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि जिले में 734 ग्राम पंचायत व 65 वार्ड हैं. सभी ग्राम पंचायतों व वार्डों में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए 1598 थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर की खरीदारी की गई है. शासन ने पहले इसके लिए अलग से बजट जारी करने का बात कही थी. जिसे बाद में ग्राम पंचायतों के मद से खरीदने का निर्देश दिया. ऐसे में संसाधनों की खरीद में जिला पंचायत राज विभाग की भूमिका अहम हो गई. उपनिदेशक पंचायत वाराणसी का पत्र मिलने के बाद मामले की जांच के लिए अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है. जांच में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.