पूर्व विधायक और कोतवाल के बीच नोकझोंक चंदौलीःपूर्व विधायक ने मनोज सिंह डब्लू ने 6 जुलाई को चहनियां से मुगलसराय तक पदयात्रा निकाली थी. पत्र देने एक्सईएन पीडब्ल्यूडी दफ्तर में घुसे मनोज डब्लू की कोतवाल से जबरदस्त नोकझोंक हुई. कार्यालय में पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू और मुगलसराय कोतवाल दीनदयाल पांडेय के बीच हुई नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस दौरान पूर्व विधायक मनोज सिंह पूरे तेवर में दिखे.
दरअसल, पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने सरकार को घेरते हुए छह जुलाई को चहनियां से मुगलसराय तक पदयात्रा निकाली थी. सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ एक्सईएन पीडब्ल्यूडी के दफ्तर में घुस गए. इस दौरान वहां बैठे अधिकारी को कुर्सी से उठा दिया. वहां मौजूद मुगलसराय कोतवाल ने कार्यकर्ताओं को दफ्तर से बाहर निकलने को कहा और वीडियो बनवाने लगे तो पूर्व विधायक कोतवाल से उलझ गए. दोनों के बीच काफी कहासुनी भी हुई.
इस दौरान पूर्व विधायक ने एक्सईएन से सड़क न बनने की वजह जाननी चाही. साथ ही भाजपा के नेताओं पर जमकर हमला बोला. कहा कि चहनियां-मुगलसराय मार्ग खराब हो चुका है, जगह-जगह पानी भरा है और लोग रोजाना हादसों के शिकार हो रहे हैं. भाजपा के लिए यह सड़क चुनावी सड़क बनकर रह गयी है. यह कोई हवा-हवाई बातें नहीं, बल्कि पीडब्ल्यूडी विभाग के दफ्तर की फाइल इसे पुष्ट कर रही है, क्योंकि जिस सड़क का स्टीमेट 2018 में 28 करोड़ का बना और उसे अपनी उपलब्धि बताते और गिनाए हुए भाजपा के नेताओं ने 2019 का चुनाव लड़ा और जीते भी.
इसके बाद यही सड़क फिर से चुनावी मुद्दा बनी 2021 में स्टीमेट को बढ़ाकर 35 करोड़ कर दिया गया और इसके निर्माण के नाम पर एक बार फिर भाजपा नेताओं ने 2022 का चुनाव लड़े. इसके बाद अब 2023 में एक फिर से सड़क का स्टीमेट नए सिरे से तैयार करते हुए बजट को 71 करोड़ कर दिया है, क्योंकि एक बार फिर इसी सड़क के मुद्दे पर भाजपा 2024 का चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन अगले माह में यह चुनावी सड़क नहीं बना तो बड़ा आंदोलन होगा.
28 करोड़ की सड़क के निर्माण पर खर्च होंगे 78 करोड़
पीडब्ल्यूडी विभाग के मुताबिक, 15 किलोमीटर लंबी मुगलसराय-चहनियां का पहला स्टीमेड 2018 में विभाग ने तैयार किया था. उस वक्त यह सड़क बनती तो सरकारी खजाने पर 28 करोड़ का बोझ पड़ता, लेकिन चुनावी साल होने के कारण सड़क नहीं बनी और मामला ठंडे बस्ते में चला. एक बार फिर इस सड़क के निर्माण का याद 2021 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आया. पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक बार फिर सड़क निर्माण का स्टीमेट तैयार किया, जो 35 करोड़ था. फिर भी इस सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो सका.
ऐसे में 2023 में एक बार फिर विभाग की ओर से नया स्टीमेट तैयार किया गया है, जो 71 करोड़ का बताया जा है. फिलहाल सड़क अभी भी जर्जर व क्षतिग्रस्त हाल में है, उसका निर्माण होना है. यदि मुगलसराय-चहनियां सड़क का निर्माण 2018 में होता तो उस पर 28 करोड़ ही खर्च होते, लेकिन अब उस पर 43 करोड़ रुपये अधिक यानी 71 करोड़ होने है. फिलहाल यह चुनावी सड़क कब बनेगी यह तो पीडब्ल्यूडी विभाग भी नहीं बता पा रहा है.
सकलडीहा व मुगलसराय में नहीं दिखे दिग्गज
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के नेता पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू जनहित के मुद्दे पर अपनी सक्रियता व मुखरता के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. हाल-फिलहाल वह भाजपा के नौ साल चंदौली बदहाल अभियान को लेकर चर्चा में रहे. अभियान खत्म होते ही एक बार फिर से नए सिरे से जनहित के मुद्दों को उठाने में लगे पड़े हैं. चहनियां से उन्होंने पदयात्रा का आगाज किया. इस दौरान लोग तो जमा हुए, लेकिन सकलडीहा इलाके के समाजवादी पार्टी का कोई बड़ा नेता उनके साथ चलता नजर नहीं आया.
पैदल चलकर वह लोगों का स्नेह व आशीष प्राप्त करते हुए वह मुगलसराय पहुंचे. वहां भी कोई भी सपा का दिग्गज नेता जनहित के मुद्दे पर निकली पदयात्रा के समर्थन में नहीं दिखा. यहीं नहीं संगठन से जुड़े किसी बड़े नेता ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की जहमत नहीं उठाई, जिसे लेकर आमजन के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं रहीं.
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