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चंदौलीः शहनाई की गूंज पड़ी फीकी, वेडिंग इंडस्ट्री को करोड़ो का नुकसान

यूपी के चंदौली जिले में कोरोना के चलते मैरिज हाल खाली पड़े हैं. कोरोना काल में तय हुई शादियां या तो रद्द कर गईं या फिर कुछ समय के लिए टाल दी गई. इसके चलते शादी मैरिज हाल तथा शादी सामरोह से जुड़े व्यवसाय ठप हो गए हैं और इनसे जुड़े लोग बेरोजगार हो गए हैं.

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Published : Jun 17, 2020, 11:25 AM IST

lockdown affect
वेडिंग इंडस्ट्री को कोरोना से नुकसान.

चंदौलीःवैश्विक महामारी कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन ने शादी-विवाह से जुड़े कारोबार को तबाह कर दिया है. कल तक रंग बिरंगी रोशनी से सराबोर रहने वाले मैरिज लॉन में आज सन्नाटा पसरा है. शहनाई की गूंज न जाने कहां चली गई है. शादी समारोह में मेहमानों का खैरमखदम करने वाले वेटर भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. लॉकडाउन के दौरान शादी-विवाह के आयोजन न होने से इस सीजन में जिले के कारोबारियों को लगभग 25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. वहीं अनलॉक-1 में भी शादी समारोह में 50 लोगों के शामिल होने के फरमान ने इस कारोबार से जुड़े लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया.

कोरोना से वेडिंग इंडस्ट्री को करोड़ों का नुकसान

कई लोगों को मिलता था रोजगार
लॉकडाउन के चलते गर्मी के सीजन की लगन में तय लगभग सभी शादी समारोह या तो टल गए या फिर रद्द हो गए. इसकी वजह से वेडिंग कारोबार से जुड़े लोगों को भारी नुकसान हुआ. मैरिज लॉन संचालक से लेकर वेटर तक, पंडित से लेकर हलवाई तक, बैंड बाजा, डीजे से लेकर रोड लाइट तक, यहीं नहीं ब्यूटी पार्लर, सोनार, फोटो ग्राफर, कैटरिंग, ट्रेवेल्स तक को भारी नुकसान उठाना पड़ा है.

वेडिंग इंडस्ट्री को करोड़ों का हुआ नुकसान
मैरिज लॉन संचालक राजू इकबाल की माने तो मिनी महानगर मुगलसराय में 20 मैरिज हाल हैं. जिन्हें कोरोना के चलते अब तक 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. इसके अलावा इससे जुड़ा एक बड़ा वर्ग इस दौरान बेरोजगार हुआ है. किसी भी शादी में टेंट, हलवाई, लाइटिंग, फ्लावर, कैटरिंग के अलावा बैंड पार्टी का काम होता है. ये दैनिक भत्ते पर काम करते है. जिसकी संख्या 25 से 50 होती है, लेकिन शादी समारोह कैंसिल होने के चलते यह सभी बेरोजगार हो गए.

वहीं कारोबार के लिहाज से जिले भर की बात करे तो यहां करीब 50 मैरिज हाल संचालित हो रहे हैं, लेकिन कोरोना के चलते व्यापार शून्य पड़ा है और आगे भी कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है. आकड़ों की मानें तो पिछले दो सालों में 2018 और 2019 में करीब 25 करोड़ का वेडिंग कारोबार हुआ था.

भुखमरी के कगार पर पहुंच गए कामगार
मैरिज हाल में लाइटिंग का काम करने वाले आकाश ने बताया कि वो पिछले कई सालों से वेडिंग इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं और शादी के सीजन में भी अच्छी कमाई कर लेते थे, लेकिन इस बार कोरोना ने सबकुछ तबाह कर दिया. काम न मिलने परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया. दो वक्त के भोजन का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो रहा है.

गायब हुई शहनाई की धुन
शादी समारोह में बैंड की धुन लोगों के उत्साह को बढ़ाते हैं. लेकिन अब धुन खामोश है. बैंड पार्टी संचालक राजबदल रावत ने बताया कि इस सीजन में 25 कार्यक्रम बुक हुए थे, लेकिन शादियों के स्थगित होने के चलते सब कैंसिल हो गई या फिर आगामी दिनों के लिए टल गई. इसके चलते लाखों रुपये का नुकसान हो गया. उनकी बैंड पार्टी में 16 लोग काम करते है, वो सभी बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में अब वो अपना धंधा बदलने को मजबूर हैं. कमोबेश यहीं हालात रोड लाइट, डीजे वालों समेत अन्य लोगों का भी है.

पंडित जी के मंत्रोच्चार पर भारी पड़ा कोरोना
वहीं शादी विवाह कराने वाले पुरोहित की माने तो नवरात्र के बाद इस सीजन में 30 से ज्यादा शुभ लगन थे. लेकिन कोरोना के चलते यजमान ने नहीं बुलाया. सभी शादियां कैंसिल हो गई या फिर टल गईं. जिससे शादी कराने वाले ब्राह्मणों को भी काफी नुकसान हुआ.

50 लोगों के सरकारी आदेश ने बढ़ाई मुश्किल
कोरोना के चलते घोषित 3 माह के लंबे लॉकडाउन के बाद सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का ख्याल रखते हुए जारी किए गए सरकारी आदेश ने वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े तमाम लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. अमूमन किसी भी शादी में 50 से ज्यादा लोग तो कुकिंग, कैटरिंग, लाइटिंग, फ्लावर, बैंड समेत अन्य व्यवसाय से जुड़े लोग होते हैं. ऐसे में लोग मैरिज लॉन के बजाय होटलों या घर से शादी करेंगे.

बहरहाल कोरोना के चलते वेडिंग इंडस्ट्री और इससे जुड़े लोगों की भारी क्षति हुई है, लेकिन सरकार द्वारा 50 लोगों के तय मानकों से शादी विवाह के बाहरी आडंबरों को खत्म कर सादगी का सबक भी दिया है.

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