चंदौली: यूपी की 11 राज्यसभा सीटों पर सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं. इसमें चंदौली की भाजपा नेता दर्शना सिंह भी शामिल हैं. वाराणसी से अलग होकर स्वतंत्र जिला बनने के बाद दर्शना सिंह पहली नेता हैं, जो राज्य सभा की नुमाइंदगी करेंगी. पार्टी में समर्पण, त्याग और सक्रियता के चलते दर्शना सिंह ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. जबकि इसके पहले जब चंदौली वाराणसी का हिस्सा हुआ करता था. उस वक्त लोकप्रिय नेता कमलापति त्रिपाठी राज्य सभा सदस्य रहे. इसके अतिरिक्त चकिया के रत्नाकर पांडेय और सुधाकर पांडेय को भी राज्य सभा जाने का मौका मिला था. वह 1980 से 1986 तक राज्यसभा सांसद रहे.
इसके अलावा सकलडीहा बट्ठी गांव निवासी श्यामलाल यादव भी राज्य सभा सदस्य रह चुके हैं. वे राज्य सभा में उप सभापति भी रहे. लेकिन वाराणसी से अलग होने के बाद चंदौली से किसी को भी राज्य सभा में जाने का मौका नहीं मिला था. दर्शना सिंह के राज्यसभा सांसद चुने जाने के बाद यह क्रम टूटा है और एक नया इतिहास बना है.
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