उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

मायावती की 'कांशीराम आवास योजना' का हाल, योगी सरकार में बदहाल - कांशीराम शहरी आवासीय योजना

उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में मायावती सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना कांशीराम आवास योजना का हाल योगी सरकार में बदहाल है. कांशीराम आवास में रह रहे लोगों की माने तो मायावती सरकार में यह आवास मिला था. उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थी, लेकिन सरकार बदलने के बाद सब बदहाल हो गया. देखिए यह स्पेशल रिपोर्ट...

etv bharat
कांशीराम आवास योजना' का हाल.

By

Published : Aug 31, 2020, 10:06 PM IST

चंदौली:कभी मायावती सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना में शामिल रही मान्यवर कांशीराम शहरी आवासीय योजना योगी सरकार में अपनी बदहाली पर आसूं बहा रही है. कोरोना काल में भी सड़क पर जलजमाव और गंदगी स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है, तो वहीं जीवन के लिए पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. क्षेत्रीय पार्षद ने सरकार पर दलित होने की वजह से भेदभाव करने का आरोप लगाया है.

यह तस्वीर है, एकात्मवाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की निर्वाण स्थली मिनी महानगर दीनदयाल नगर (मुगलसराय) स्थित कांशीराम आवास की, जो उनके सिद्धांत अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के ठीक विपरीत है. बीजेपी सरकार ने इस स्थान का नाम तो बदल दिया, लेकिन उनके सिद्धांतों को भूल गई. शायद यही वजह है कि इन आवासों का हाल-बेहाल है.

कांशीराम आवास योजना' का हाल.

कांशीराम आवासों में न तो साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति है. इस कोरोना काल में जहां 'स्वच्छता ही बचाव' है, का नारा बुलंद किया जा रहा है. वहीं वार्ड नंबर-1 ओड़वारे स्थित आवास योजना के लोग गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां रह रहे एक हजार से ज्यादा परिवार के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

कांशीराम आवास में रह रहे लोगों की माने तो मायावती सरकार में यह आवास मिला था. उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं. सरकार बदलने के बाद सब बदहाल हो गया. यहां न तो साफ-सफाई के लिए नगरपालिका की तरफ से कोई भी सफाईकर्मी आता है, न ही पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है, जबकि पहले जब मायावती सरकार थी, तो रोजाना इन कॉलोनियों में साफ-सफाई होती थी. अब कॉलोनियों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. कॉलोनियां जानवरों की शरणस्थली बनी हुई हैं.

संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त
वहीं कॉलोनियों में आने जाने वाले प्रमुख संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बारिश के दिनों में स्थिति बद से बद्तर हो जाती है. जल निकासी की सुविधा न होने के चलते कीचड़ युक्त रास्तों व पानी भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है. कभी-कभी लोग गिरकर घायल भी हो जा रहे हैं.

यहीं नहीं आवासीय योजना में रह रहे लोगों की मानें तो शुद्ध पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है. इस कॉलोनी में ट्यूबवेल की बोरिंग कराई गई थी, जिससे लोगों को शुद्ध पीने का पानी मुहैया कराया जा सके. लेकिन वर्तमान में समय खराब पड़ा है. गर्मी के सीजन बीत जाने के बाद भी किसी हैण्डपम्प की मरम्मत नहीं कराई गई, जिससे 10 में 8 खराब हो चुके हैं. शेष दो अन्य सही ट्यूबवेल से ही पूरे आवास के लोग पानी पी रहे हैं.

इन काशीराम आवासों के घरों में टोटियां लगी हुई हैं, लेकिन पानी नहीं आता. ऊपरी मंजिल पर रह रहे लोग ऐसे लोग जो थोड़े वृद्ध हैं, उन्हें खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. आवास की दीवारें जर्जर हो गई हैं, नालियां सड़क पर बह रही हैं. देखकर ऐसा लगता है कि दोबारा इन आवासों की रंगाई नहीं कराई गई.

क्षेत्रीय पार्षद ने लगाया आरोप
इस बाबत क्षेत्रीय पार्षद बीरू रावत से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि सड़क, नाली, पानी, आवास सब बदहाल है. कई बार शिकायत की गई, लेकिन नतीजा सामने है. उन्होंने शासन-प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में दलित होने का दंश झेल रहे हैं.

लेकिन हद तो तब हो गई जब इन आवासों में रह रहे लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. ईओ साहब को अभी लिखित शिकायत का इंतजार है. हालांकि बाद में उन्होंने वैकल्पिक सुविधा के तौर पर टैंकर भेजने की बात कहते हुए अपनी पीठ जरूर थपथपाई. साथ ही इसे जल्द ठीक करने की घुट्टी भी पिलाई.

चेयरमैन ने क्या कहा
वहीं दीनदयाल नगर के चेयरमैन संतोष खरवार ने मामला संज्ञान में होने की बात कही, लेकिन इसे ठीक कर पाने के लिए कोरोना और बजट का न होना बताया. हालांकि उन्होंने इसे गंभीर समस्या को बताते हुए जल्द से जल्द बहाल करने की बात कही है.

मायावती सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट
मायावती सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की यह तस्वीर सिर्फ दीनदयाल नगर पालिका स्थित आवास योजना की नहीं, बल्कि कमोबेस जिले के सभी आवासीय कॉलोनियों की भी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसे ठीक करने के बजाय आश्वासन की घुट्टी पिला रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि एक बार फिर कब यहां रौनक दिखाई पड़ती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details