उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

LOCKDOWN EFFECT: लुधियाना से 1200 किलोमीटर पैदल चलकर चंदौली पहुंचा परिवार - coronavirus in chaundali

कोरोना वायरस ने मजदूरों की जिंदगी बद से बदतर कर दी है. इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन से कई मजदूर रास्ते में ही फंसे हुए हैं. ये घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन साधन की समस्या से मजबूर हैं. एक ऐसा ही परिवार 1200 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर पंजाब से चंदौली पहुंचा है.

पैदल चलकर लूधियाना से चंदौली पहुंचा परिवार.
पैदल चलकर लूधियाना से चंदौली पहुंचा परिवार.

By

Published : May 3, 2020, 11:28 AM IST

Updated : May 3, 2020, 1:53 PM IST

चंदौली:वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन क्या लगा. मजदूरों और कामगारों के लिये जैसे आफत ही आ गई. केंद्र और राज्य सरकारों के तमाम प्रयासों के बावजूद श्रमिकों को रोकाना मुश्किल हो गया है. रोटी की जुगाड़ में देश के महानगरों में काम करने वाले यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कामगार अब जैसे-तैसे अपने घरों को लौट रहे हैं. रेलवे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बन्द हो चुका है और ऐसे हालात में किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि करे तो क्या करें. लोग पैदल ही अपने घरों के लिए कूच कर रहे हैं. ऐसा ही एक परिवार लुधियाना से पैदल चलकर चन्दौली पहुंचा, जिसे झारखंड जाना है.

जानकारी देता प्रवासी मजदूर.

लॉकडाउन से जिंदगी हुई बदहाल
मनोज मियां नाम का मजदूर झारखंड से 1600 किलोमीटर दूर पंजाब में अपने परिवार के साथ मजदूरी करने गया था. पेट भरने के लिए रोटी की जुगाड़ में गए मनोज मियां की जिंदगी लॉकडाउन ने बदल डाली. कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया. इस दौरान कई फैक्ट्रियों, कंपनियों में ताले लग गए. मजदूर बेरोजगार हो गए. इस बेरोजगारी की मार मनोज मियां के साथ उसके परिवार को भी लगी.

ईटीवी भारत ने जाना मनोज का हालचाल
ईटीवी भारत ने जब मनोज से पूछा कि वे कहां से आ रहे हैं तो उन्होंने पहले अपनी परेशानियों को छिपाने की कोशिश की, लेकिन जब कैमरे को देखा तो अंदर का जख्म बाहर निकल आया. उन्होंने बताया कि वे पंजाब के लुधियाना से आ रहे हैं और उन्हें झारखंड जाना है. आंखे तब चौंधिया गई. जब मनोज ने बताया कि वे 15 अप्रैल को ही लुधियाना से पैदल झारखंड जाने के लिए निकले हैं. तकरीबन 1200 किलोमीटर का रास्ता तय कर वे चंदौली पहुंचे हैं. उनके साथ बच्चे और पत्नी भी साथ हैं.

पैसे हो गए खत्म
मजदूर मनोज ने बताया कि इस लॉकडाउन ने उनकी जिंदगी ही बेहाल करके रख दी है. न ही उनके पास खाने की सामग्री है और न ही पैसे बचे हैं. पैदल यात्रा के दौरान सड़क किनारे गांव में मांगकर खा लेते हैं. या कोई संस्था उन्हें सड़क पर भोजन दे देती है. मनोज ने बताया कि रास्ते में कई जगहों पर पुलिस ने भी उनकी मदद की.

पुलिस ने भेजा क्वारंटाइन सेंटर
डीएम नवनीत सिंह चहल और एसपी हेमन्त कुटियाल की नजर जब इन मजबूरों (मनोज और उसका परिवार) पर पड़ी तो उन्होंने तत्काल इन्हें बिस्किट और जूस दिलवाया और इन्हें क्वांरटाइन सेंटर भिजवाया दिया.

प्रशासन की लापरवाही आई सामने
गौरतलब है कि यह परिवार लुधियाना से 1200 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चन्दौली पहुंचा. इस बीच दर्जनों जनपदों के बॉर्डर पड़े होंगे, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद भी अब तक इन्हें ना ही किसी ने रोका और ना ही किसा ने टोका. इससे साफ है प्रशासनिक लापरवाही नजर आ रही है.

इसे भी पढे़ं-चन्दौली: रेलवे की बड़ी लापरवाही, रनिंग स्टाफ के लिए स्पेशल ट्रेन में यात्रा कर रहे अनाधिकृत लोग

Last Updated : May 3, 2020, 1:53 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details