चंदौली : अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहने वाले एडीएम न्यायिक अनिल त्रिपाठी को निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में शासन ने सस्पेंड कर दिया है. एडीएम के निलंबन की खबर से प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि नियामताबाद ब्लॉक के जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशियों को प्रतीक चिह्न आवंटन समेत अंतिम सूची जारी करने में गड़बड़ियां सामने आने के बाद शासन स्तर से यह निर्णय लिया गया. साथ ही पूरे प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल को सौंपी गयी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन आगे की कार्रवाई करेगा.
पंचायत चुनाव में गड़बड़ी का आरोप
दरअसल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उन्हें जिला पंचायत सदस्यों के नामांकन के लिए आरओ बनाया गया था. नामांकन वापसी के बाद जब वैध प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी करने की बारी आयी तो कई ब्लॉकों में गड़बड़ी देखने को मिली. कई प्रत्याशियों के नाम सूची से गायब थे. वहीं प्रतीक चिह्न आवंटन में भी कमियां उजागर हुईं. किसी प्रत्याशी को पहले जारी चुनाव चिह्न बाद में बदल दिया गया. इसको लेकर प्रत्याशियों में नाराजगी थी. किसी ने इसकी शिकायत शासन स्तर पर कर दी. प्रथम दृष्टया कार्य में लापरवाही पाये जाने पर एडीएम अनिल त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया गया.
चर्चा में रहे हैं एडीएम अनिल त्रिपाठी
गौरतलब है कि अनिल कुमार त्रिपाठी की जिले में बतौर एडीएम न्यायिक लगभग एक साल पहले तैनाती हुई थी. इससे पूर्व वाराणसी में एडीएम वित्त व राजस्व के पद पर तैनात रहे. लेकिन, जिले में तैनाती के दौरान भी वाराणसी में आवास पर कब्जा जमाए बैठे रहे. डीएम वाराणसी के कई बार नोटिस और हिदायत देने के बाद भी इन्होंने आवास खाली नहीं किया और बीमारी का बहाना बनाते रहे. अंततः हाई प्रोफाइल ड्रामे के बाद डीएम वाराणसी को जबरन आवास खाली करवाना पड़ा. यही नहीं, ड्राइवर की लेटलतीफी पर नाराजगी जताते हुए भद्दी-भद्दी गाली देते हुए ऑडियो वायरल होने के बाद खासे चर्चा में रहे थे.
एडीएम न्यायिक अनिल त्रिपाठी सस्पेंड, जानिए क्या है आरोप
चंदौली जिले के एडीएम न्यायिक अनिल त्रिपाठी को कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. इस संबंध में जांच की जिम्मेदारी मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल को सौंपी गयी है.
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पंचायत चुनाव के दौरान निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में शासन स्तर से अपर जिलाधिकारी न्यायिक अनिल त्रिपाठी को निलंबित किया गया है. इस संबंध में जांच की जिम्मेदारी वाराणसी कमिश्नर को सौंपी गयी है.
संजीव सिंह, डीएम