चंदौलीः पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां शनिवार को स्टेशन पर अत्यधिक भीड़ के चलते संघमित्रा एक्सप्रेस के कोचों के दरवाजा नहीं खुले. इसके चलते करीब 70 यात्री ट्रेन पर नहीं चढ़ सके. इन सभी यात्रियों को चेन्नई जाना था. रेल अधिकारियों की लापरवाही की तब और हद हो गई जब 15 घंटे तक स्टेशन पर खड़े इन यात्रियों का हाल जानने कोई नहीं पहुंचा.
हालांकि, रविवार को आरपीएफ ने सभी को भोजन उपलब्ध कराया. साथ ही सभी यात्रियों को लोकमान्य ट्रेन से इटारसी भेजा गया, जहां से वे आगे की यात्रा कर सकेंगे. इस दौरान महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
दरअसल, नौ दिन पहले चेन्नई के तिरूनामलाई जिले के 190 लोगों का दल काशी यात्रा पर आया था. काशी, प्रयागराज और गया भ्रमण के बाद शनिवार की रात 11 बजे संघमित्रा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में सभी का रिजर्वेशन था. सभी यात्री समय से रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए और ट्रेन का इंतजार करने लगे. ट्रेन के स्टेशन पर आते ही यात्रियों ने कोचों का दरवाजा खुलवाने के काफी प्रयास किए लेकिन दरवाजे नहीं खुले.
यात्रियों के साथ गाइड के रूप में आए लक्ष्मण ने बताया कि शनिवार रात 11 बजे ट्रेन स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या चार पर ट्रेन पहुंची थी. ट्रेन के सभी कोचों के दरवाजे बंद थे और उसमें अत्यधिक यात्री थे. एस-1, एस-2, एस-3, एस-7, एस-9 सहित अन्य कोचों के दरवाजे पीटे गए, लेकिन अंदर से किसी ने दरवाजा नहीं खोला. दल के 120 यात्री किसी तरह एसी कोच में चढ़ गए, लेकिन उनके सामान और टिकट नीचे ही रह गए. वहीं, 70 यात्री ट्रेन पर चढ़ ही नहीं पाए.