मुरादाबाद:जिले के एक गांव के पढ़े शिक्षित युवकों ने गांव के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देने का जिम्मा उठाया है. करीब साठ से सत्तर बच्चों को रोज दो घंटे पढ़ाने के लिए गांव के ही एक मंदिर में पाठशाला लगती है. पाठशाला में पढ़ने आने वाले बच्चों में काफी उत्साह है.
शिक्षित युवकों ने बच्चों को शिक्षित करने का उठाया बीड़ा
गांव के ही शिक्षित युवकों ने गांव के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है. शहर से 15 किलोमीटर दूर लोदीपुर गांव में एक प्राइवेट स्कूल एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय है. प्राथमिक विद्यालय और प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के बाद बच्चे पढ़ने लिखने में बहुत कमजोर है. बच्चों को पहाड़े, गिनती, महीने और सप्ताह के दिन तक याद नहीं है.
इसको लेकर गांव के कुछ युवाओं को चिंता होने लगी तो चारों युवकों ने बच्चों को निशुल्क पढ़ाने के लिए गांव के ही एक मंदिर में शाम चार से छह बजे तक पाठशाला लगाकर पढ़ाने का काम शुरू किया. इस पाठशाला में करीब 60 से 70 बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
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शिक्षा में काफी पिछड़े थे हमारे गांव के बच्चे
पाठशाला चलाने वाले प्रेम ने बताया कि मैंने देखा कि हमारे समाज और गांव के बच्चे शिक्षा में काफी पिछड़े हुए है. मैंने अपने दोस्तों के साथ बात करके उन लोगों से अनुरोध किया है कि क्यों न हम थोड़ा टाइम निकालकर इन बच्चों को पढ़ाएं और इन्हें शिक्षित बनाएं.
प्रेम ने बताया कि पाठशाला में पढ़ाने वाले मेरे कुछ साथी विद्यार्थी भी हैं, जो अपने स्कूल के बाद इन बच्चों को शिक्षा देते है. मैं एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता हूं. दोपहर के बाद मैं फ्री हो जाता हूं और फिर शाम को 2 घंटे इन बच्चों को पढ़ाता हूं. इन बच्चों को हम हिंदी, इंग्लिश, गणित, सामाजिक विज्ञान के साथ सामाजिक जागरूकता की शिक्षा देते हैं.