मुरादाबाद:जनपद की विधानसभा ठाकुरद्वारा जिसकी सीमा उत्तरांचल से लगी हुई है. इस विधानसभा पर 3 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी, 2 बार बीएसपी का कब्जा रहा है. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद इस विधानसभा पर हुए उपचुनाव में सपा ने पहली बार जीत हासिल की थी. उसके बाद 2017 में फिर से सपा से विधायक नबाब जान ने जीत हासिल की. ठाकुरद्वारा विधानसभा की जमीन काफी उपजाऊ होने की वजह से गन्ने की खेती अच्छी होती है. इसी वजह से यहां कई चीनी मिलें, छोटे बड़े कई उद्योग धंधे है. इस विधानसभा में दलित मुस्लिम वोटर की संख्या अधिक है.
मुरादाबाद की ठाकुरद्वारा विधानसभा 1951 में बनी थी. इस विधानसभा पर 1951, 1957 और 1960 में कांग्रेस का कब्जा रहा. 1980 में इंद्रा गांधी वाली कांग्रेस और 1985 में जगजीवन वाली कांग्रेस ने भी जीत दर्ज की थी. उसके बाद से कांग्रेस इस विधानसभा सीट पर कभी दोबारा जीत हासिल नहीं कर पाई. 1991 से लेकर 2002 तक इस विधानसभा पर बीजेपी से विधायक कुंवर सर्वेश का कब्जा रहा. बीएसपी ने 1989 में दूसरी बार 2007 में इस सीट पर विजय यादव जीत हासिल की थी. 2012 में एक बार फिर यह सीट पर बीजेपी के कुंवर सर्वेश सिंह ने जीत दर्ज की. 2014 के लोकसभा चुनाव सर्वेश सिंह को लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 2014 के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ.
1951 से लेकर 2012 तक के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज नहीं करने वाली सपा ने अपना खाता खोल दिया. नबाब जान ने जीत दर्ज की 2017 में दुबारा से नबाब जान सपा से चुनाव लड़े और 13 हजार 409 वोट से जीत हासिल की थी. उपचुनाव और 2017 के चुनाव में भाजपा के राजपाल सिंह चौहान को हार का सामना करना पड़ा.
ठाकुरद्वारा विधानसभा-26 दलित मुस्लिम बाहुल्य सीट
2011 की जनगणना के अनुसार ठाकुरद्वारा विधानसभा की कुल आबादी 5 लाख 4 हजार 560 हैं. जिसमें 2 लाख 75 हजार 143 हिन्दू और 2 लाख 26 हजार 171 मुस्लिम है. इस विधानसभा में 3 लाख 47 हजार 748 वोटर है. इसमें 1 लाख 88 हजार करीब पुरुष और 1 लाख 56 के करीब महिला वोटर है. इस विधानसभा पर मुस्लिम और दलित वोटर किसी भी उम्मीदवार की किस्मत का फैसला करते है. मुस्लिम वोटर का अगर धुर्वीकरण होता है. हमेशा भाजपा को फायदा मिला हैं. एक तरफा मुस्लिम वोटर जिसके साथ गया जीत हमेशा उसी की हुई है. दलित वोटर 2 बार को अगर छोड़ दे तो हमेशा एक तरफा किसी के साथ नहीं रहा उनके वोट का हमेशा बंटवारा हुआ है.