मुरादाबाद: कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन ने किसानों की रातों की नींद उड़ा दी है. मुरादाबाद मंडल के तीन जनपदों में हजारों बीघा जमीन में किसान टमाटर उगाते हैं. लॉकडाउन के चलते किसानों को टमाटर की खेती में भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. संकट के इस दौर में टमाटर उगाने वाले ज्यादातर किसान जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं.
ऐसे में इन किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. मंडी में किसानों का उगाया टमाटर डेढ़ से दो रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. इससे लागत भी वसूल नहीं हो पा रही है. बे-मौसम बरसात के चलते खेतों में टमाटर की फसल को नुकसान हुआ है. नुकसान के चलते ज्यादातर किसान अब मजदूरों के बजाय अपने परिवार के सदस्यों के साथ खेतों में काम करने को मजबूर है.
तीन जिलों में होती टमाटर ज्यादा पैदावार
मंडल के तीन जिलों मुरादाबाद, सम्भल और अमरोहा में हर साल चालीस हजार बीघा जमीन में किसान टमाटर की खेती होती है. खेतों में उगाई टमाटर की फसल अब तैयार हो गई है, लेकिन मंडी में व्यापारियों के न पहुंचने से किसानों को औने-पौने दामों पर टमाटर बेचने पड़ रहे हैं. मंडी में किसान बीस किलोग्राम की थैलियों में टमाटर बेचने पहुंचते हैं. जिनके बमुश्किल पैंतीस से चालीस रुपये तक किसानों को मिल रहे हैं.
खेती का खर्चा निकालना मुश्किल
एक बीघा जमीन में टमाटर उगाने का खर्च पन्द्रह हजार रुपये तक आता है, जबकि पांच हजार रुपया बीघा जमीन मालिक को किराया भी किसान देते हैं. एक बीघा जमीन में सामान्य मौसम में तीस कुंतल टमाटर पैदा हो जाता है लेकिन इस साल अप्रैल-मई में हुई बारिश से उत्पादन पन्द्रह से बीस कुंतल तक सिमट गया है. कम उत्पादन और कम कीमत के चलते किसानों को खेती में लगा खर्चा भी निकालना मुश्किल हो रहा है.