मुरादाबाद: इंसान की जिंदगी में हर दिन एक जैसा नहीं होता और न ही जिंदगी इंसानी सोच पर चलती है. ऐसी ही कुछ दास्तां है मुरादाबाद में रहने वाले एक बुजुर्ग की जो खुद के दुख को पीछे छोड़ लोगों के जीवन में खुशियां बांट रहा है. आपदा में अपने बेटे- बहु और दो पोतियों को एक साथ खोने वाले इस बुजुर्ग ने अब गरीब बच्चों की निशुल्क शिक्षा के लिए कोचिंग सेंटर खोला है. अब ये बुजुर्ग बच्चो को स्कॉलरशिप देकर उनका भविष्य सवार रहें है.
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इस शख्स का नाम आरके दीक्षित है. मुरादाबाद के सिविल लाइन क्षेत्र के रामगंगा विहार में रहने वाले आरके दीक्षित 9 साल पहले रेलवे से रिटायर हो चुके है. रामगंगा विहार स्थित अपने कोचिंग सेंटर में हर रोज गरीब परिवार के बच्चों को पढ़ाने वाले यह बुजुर्ग अपने सीने में वह दर्द लिए है जिसे शब्दों में बयां करना आसान नहीं है. 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा के समय आरके दीक्षित के बेटे रमन अपनी पत्नी और दो बच्चियों के साथ केदारनाथ गए थे, लेकिन आपदा के बाद उनका कोई पता नहीं चल पाया. इस हादसे ने दीक्षित परिवार को ऐसे मुहाने पर खड़ा कर दिया जहां से आगे कुछ भी नजर नहीं आ रहा था.