मुरादाबाद: जिले के रेल मंडल में मालगोदाम की सड़कों को सीमेंट के पुराने स्लीपर से तैयार किया गया है. करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाली सड़क मालगोदाम के भारी वाहनों की वजह से टूट जाती थी. सीमेंट के पुराने स्लीपर से सड़क तैयार होने से करोड़ों रुपये का फायदा हुआ है. रेलवे ट्रेक से कुछ साल बाद सीमेंट के स्लीपर निकालकर रेलवे इनकी नीलामी कर देता था. सीनियर डीसीएम के इस सुझाव से मुरादाबाद रेलवे मंडल के सभी मालगोदाम पर अब सीमेंट के स्लीपर से ही सड़कों को तैयार किया जाएगा. इस सड़क की उम्र लगभग 30 साल होगी.
पटरियों पर ट्रेन को दौड़ते समय पटरियों पर झटके महसूस न हो और कोई घटना न घटे इसके लिए पटरियों के नीचे लगने वाले सीमेंट के स्लीपर को बदल दिया जाता है. जिसको बाद में टेंडर निकालकर नीलाम कर दिया जाता था. लेकिन रेलवे की सीनियर डीसीएम के एक सुझाव से इन सीमेंट के स्लीपर को रेलवे की मालगोदाम की सड़क बनाने के लिए किया जा रहा है. मालगोदाम की सड़के भारी वाहनों की वजह से जल्द टूट जाती थी. जिसकी वजह से वाहनों को भी बहुत नुकसान होता था. इसके लिए मुरादाबाद के मालगोदाम की सड़कों का निर्माण सीमेंट के इन पुराने स्लीपर से तैयार किया गया है. सीमेंट के स्लीपर से तैयार इस सड़क का लगभग 30 साल तक चलने की मियाद है.
मालगोदाम की सीमेंट के स्लीपर से बनने के बाद प्रदूषण में भी कमी आई
सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि टूटी सड़क पर दिन भर वाहन चलने से वहां पर धूल उड़ने से मुरादाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी खराब हो रहा था. एनजीटी ने भी मुरादाबाद में बढ़ते AQI के लेवल के बाद रेलवे को इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए थे. सीमेंट के पुराने स्लीपर से सड़क तैयार होने के बाद प्रदूषण में बहुत कमी आई है.