मुरादाबाद: केंद्र सरकार द्वारा किसान बिल लाए जाने के बाद जहां विपक्ष लगातार प्रदर्शन कर रहा है वहीं मंडियों में भी कामकाज प्रभावित हुआ है. केंद्र सरकार द्वारा बिल को किसानों के हित में बताया गया है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष बिल को किसान विरोधी करार दे रहा है. मुरादाबाद स्थित मंडी में काम कर रहे आढ़तियों के मुताबिक नया बिल जहां कारोबार को प्रभावित करेगा, वहीं किसानों को भी इससे मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
मंडियों से सामान खरीदने वाले फुटकर व्यापारियों के मुताबिक, किसान अगर मंडियों की जगह खुद ही सब्जियां, फल और अनाज बेचना शुरू करेंगे तो व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल को लेकर जहां विपक्ष हमलावर है, वहीं मंडियों में भी इसको लेकर अलग-अलग राय है. मुरादाबाद जनपद के मझोला मंडी में ईटीवी भारत द्वारा आढ़तियों, किसानों और व्यापारियों से बिल को लेकर उनकी राय जानने की कोशिश की गई, जिसमें लोगों ने अपनी राय रखी.
... कामकाज हो सकता है ठप
आढ़तियों के मुताबिक नए बिल से जहां आढ़तियों को काफी नुकसान होगा, वहीं मंडी में किसान की फसल न पहुंचने से कामकाज ठप हो सकता है. किसान जहां बिल को लेकर खुश हैं, वहीं उनके सामने सबसे बड़ी समस्या भुगतान को लेकर है. किसानों के मुताबिक, आढ़तियों से भुगतान की कोई समस्या नहीं होती है और कई बार जरूरत के मुताबिक आढ़ती मदद भी करते हैं, लेकिन कहीं और फसल भेजने से उनके भुगतान को लेकर समस्या खड़ी हो सकती है.
कृषि बिल से खुश नहीं आढ़तिए
मंडी समिति में पिछले कई सालों से आढ़ती कृष्ण कुमार सैनी सरकार द्वारा लाये गए कृषि बिल से खुश नजर नहीं आते. कृष्ण कुमार के मुताबिक, किसानों के हित में लाया गया बिल दरअसल किसानों की मुश्किलों को बढ़ाएगा. आढ़तियों के कामकाज पर बिल से काफी असर पड़ेगा, लेकिन किसान को अपनी फसल का सही दाम ओर समय पर भुगतान मिलने में परेशानी होगी. मंडी में ही आढ़ती प्रमोद कुमार के मुताबिक, किसान अपनी फसल को लेकर आढ़तियों के पास पहुंचते हैं और हाथों हाथ फसल का भुगतान प्राप्त करते है. ऐसे में जरूरत के वक्त किसान आढ़तियों से एडवांस भी पैसे ले लेते हैं, लेकिन नई व्यवस्था में यह संभव नहीं होगा.