मुरादाबाद: रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाकर लोगों को सही समय पर उनके गंतव्यों तक पहुंचाने की कोशिश में जुटा हुआ है. लेकिन, कुछ ऐसी अड़चने हैं जो ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ने नहीं दे रही हैं. मुरादाबाद रेल मंडल के सामने हरिद्वार-देहरादून रूट पर कुछ इसी तरह की समस्या सामने आई है. दरअसल राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन ने रेलवे की एक मांग को ठुकराते हुए गति को महज 35 किलोमीटर प्रति घंटा रखने का अनुरोध किया है. इसके पीछे राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन की दलील है कि स्पीड बढ़ने पर जानवरों को जान का खतरा होगा. वहीं अचानक ब्रेक लेने के कारण रेलगाड़ी भी दुर्घटना ग्रस्त हो सकती है.
रेलवे ने राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन से जंगल से गुजरने के दौरान ट्रेनों की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटे से बढ़ाकर 100 किमी प्रति घंटे करने की अनुमति देने की मांग की थी. लेकिन, टाइगर रिजर्व प्रशासन रेलवे के इस अनुरोध को ठुकरा दिया है. टाइगर रिजर्व प्रशासन के मुताबिक, रेलवे यह मांग पूरी करना संभव नहीं है. आरटीआर के उच्च अधिकरियों कहा कि, हमने रेलवे के अधिकारियों और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों से एक अनुरोध किया है कि रिजर्व से गुजरते समय ट्रेनों की गति को धीमा ही रखा जाए.
इस रूट पर चलती हैं 18 जोड़ी ट्रेनें
इससे पहले 7 जनवरी को आरटीआर प्रशासन ने रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रेलवे के 18 किलोमीटर के ट्रैक पर हरिद्वार और देहरादून के बीच चलने वाली 18 जोड़ी ट्रेनों की गति बढ़ाने के रेलवे के फैसले पर अपनी चिंता व्यक्त की थी.
धीमी चलती है रेलगाड़ियां
रेलवे अधिकारियों ने पहले ही रिजर्व एरिया से गुजरने वाली ट्रेनों के गति को 35 किमी प्रति घंटा पर रखने के लिए सहमति व्यक्त कर रखी है. वन विभाग और रेलवे की संयुक्त समिति द्वारा इस 18 किलोमीटर के रूट पर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे के बीच के समय को अति संवेदनशील बताया गया है. इस समय जानवरों की चहल पहल ज्यादा रहती है.