मुरादाबाद: कोरोना के चलते पूरे देश में लागू लॉकडाउन ने जहां किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है, वहीं अनलॉक पार्ट 1.0 में भी किसानों को ज्यादा राहत मिलती नजर नहीं आ रही. जनपद से बहने वाली रामगंगा नदी किनारे किसान गर्मियों के मौसम में पेठा फल की खेती करते हैं. हर साल सैकड़ों किसान जमीन किराए पर लेकर तपती गर्मी में पेठा फल उगाकर उसे आगरा और अन्य शहरों को भेजते हैं.
कोरोना के चलते जहां इस साल फलों को ग्राहक नहीं मिल रहे, वहीं फसल खेतों में ही बर्बाद होने लगी है. किसानों के मुताबिक मॉनसून शुरू होते ही पेठा फल की सप्लाई बंद हो जाती है. ऐसे में किसानों के पास ज्यादा वक्त नहीं रह गया है. पेठा फल से आगरा की मशहूर पेठा मिठाई बनाई जाती है.
किसानों के लिए रामगंगा नदी जीवनदायिनी
पहाड़ों से होकर मैदानी क्षेत्रों में बहने वाली रामगंगा नदी किसानों के लिए किसी जीवनदायिनी से कम नहीं है. मुरादाबाद से होकर बहने वाली इस नदी के किनारे बड़े पैमाने पर सब्जी और फल उगाए जाते हैं. अगवानपुर मोहल्ले के सैकड़ों किसान हर साल रामगंगा नदी किनारे पेठा फल का उत्पादन करते आए हैं.
नवंबर-दिसंबर के महीने में नदी की रेतीली मिट्टी में गड्ढे खोदकर उसमें बीज बोकर खाद लगाई जाती है और इसके साथ ही मेहनत का एक दौर शुरू हो जाता है. गर्मियों के मौसम में पेठा फल तैयार होकर बिक्री के लिए आगरा, दिल्ली, हापुड़ और पश्चिमी यूपी के कई शहरों को सप्लाई किया जाता है. इस साल कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन में मिठाइयों की दुकान बंद रहने से पेठा फल नहीं बिक पाया.