मुरादाबाद: केंद्र और राज्य की सरकारें गांव-गांव और घर-घर तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने की बात कहती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही दास्तां बयां कर रही है. सच्चाई इस बात से पता चलती है कि चार साल पहले लोगों को मिले सरकारी आवास में आज तक बिजली के कनेक्शन नहीं मिल पाए हैं. कनेक्शन तो दूर बिजली के खम्भे और तार तक नही खिंच पाए हैं. लोग सरकारी हैंडपम्प से पानी लेकर जाने को मजबूर हैं. लोगों का आरोप है कि अधिकारियों के आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ भी नहीं मिला है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में जिस-जिस पार्टी की सरकार रही, उसने गरीब लोगों को कांशीराम आवास योजना, आसरा आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मुहैया कराए. सपा सरकार में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को शहर विधानसभा के कटघर थाना क्षेत्र के करूला में आसरा आवास योजना के तहत तीन मंजिल 108 आवास बनाए गए थे. चार साल पहले लोगों को इन आवासों का आवंटन किया गया.
बिजली-पानी से अब तक हैं महरूम
किराए के मकान में रहने वाले लोगों का अपना घर होने का सपना पूरा हो गया और वे खुशी-खुशी इन आवासों में आकर रहने लगे. लेकिन अब इस कॉलोनी में रहने वाले लोग बहुत परेशान हैं, क्योंकि इन लोगों को आवास तो दे दिए गए, लेकिन बिजली और पानी की कोई व्यवस्था नहीं की गई. चार साल से बिना लाइट और पानी के ये लोग रहने को मजबूर हैं. इस भीषण गर्मी में हाथ का पंखा ही इन लोगों का सहारा बना हुआ है. रात के समय घर की छत पर या घर के बाहर सोने के लिए मजबूर हैं.
पंखा और टीवी बने शो-पीस
तीसरी मंजिल पर रहने वाले लोगों को तो पानी की बहुत परेशानी होती है. नहाने और बर्तन धोने तक के लिए वे कॉलोनी आवास में लगे सरकारी हैंडपम्प से पानी ले जाने के लिए मजबूर हैं. मकानों के अंदर लाइट की फिटिंग तो है, लेकिन उसमें करेंट नहीं है. घर में पंखा-टीवी सब शो-पीस बनकर रह गए हैं.