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निगम और निकाय की अनदेखी की मार, पूनम विहार हुआ पानी-पानी

मुरादाबाद के खुशहालपुर के पूनम विहार कालोनी वार्ड नंबर एक में समस्याओं का अंबार है. यहां पर सड़कें नालियों में तब्दील हैं. जिसके चलते तकरीबन 2 हजार लोगों को आने-जाने में असुविधा होती है.

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मुरादाबाद में अव्यवस्थाओं का अंबार

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Published : Jan 21, 2021, 7:41 PM IST

मुरादाबादःजिलेशहरी आबादी तकरीबन 20 लाख है. यहां के नागरिकों की सुविधाओं के लिए नगर निगम और नगर निकाय काम करते हैं. जिले में औद्योगिक क्षेत्र होने के चलते आबादी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है. लेकिन लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में जनप्रतिनिधि और नगर निगम फिसड्डी साबित हो रहे हैं. नगर निगम मुरादाबाद से तकरीबन 4 किलोमीटर दूर खुशहालपुर के पूनम विहार कालोनी वार्ड नंबर एक में समस्याओं का अंबार है. यहां पर सड़कें नालियों में तब्दील हैं. जिसके चलते तकरीबन 2 हजार लोगों को आने-जाने में असुविधा होती है. कई बार जनप्रतिनिधियों को भी यहां के निवासियों ने अपनी समस्याओं से अवगत करवाया है. लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा है.

पूनम विहार (मुरादाबाद)

सड़क नहीं होने से लोग परेशान
मुरादाबाद नगर निगम के अंतर्गत आने वाले पूनम विहार कालोनी में समस्याओं का अंबार है. यहां पर मूलभूत सुविधाओं की बेहद कमी है. लेकिन यहां के निवासियों की समस्याओं का निस्तारण न तो जनप्रतिनिधि कर रहे हैं, न ही नगर निगम. ऐसे में लोग सड़कों के आभाव में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
पूनम विहार कॉलोनी में सड़कों के अलावा स्ट्रीट लाइट, नालियों और ड्रेनेज सिस्टम का भी आभाव है. कालोनी मुरादाबाद विकास प्राधिकरण और नगर निगम के शर्तों का पालन भी करती है. फिर भी यहां के लोगों को विकास के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलता है.

पूनम विहार कॉलोनी में सड़कें नहीं
रास्तों को पार करने से लगता है डरस्थानीय बताते हैं कि सड़कों का अभाव होने के चलते उन्हें तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खासकर बरसात के दिनों में यहां पर हमेशा जलभराव रहता है. इस कारण ऑफिस और स्कूल आने जाने में दुर्घटना का भी डर बना रहता है.

शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं
स्थानीय लोग बताते हैं, कि उन्होंने अपनी समस्याओं को लेकर पार्षद से लेकर महापौर और जिलाधिकारी तक से मुलाकात की और उन्हें अवगत कराया. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है. महापौर ने तो एस्टीमेट बनाकर भेजने की भी बात कह दी थी. लेकिन वह बजट कहां गया इसका कुछ पता नहीं है.

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