संभल:जिले में मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाईवे पर दो माह में तीन बड़े हादसों में 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और घायलों की संख्या लगभग 50 के पास है. खास बात यह है कि बिना डिवाइडर वाले इस हाईवे पर तीनों हादसे वाहनों के आमने-सामने भिड़ने के कारण हुए थे.
मुरादाबाद-आगरा सड़क को नेशनल हाईवे का दर्जा प्राप्त हैं. सुरक्षित यातायात संचालन के संकल्प के साथ शुरू हुए सड़क सुरक्षा माह के अंतिम दिन 20 फरवरी को हाईवे पर चंदौसी के करीब हुए भीषण हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो लोग अब भी उपचाराधीन हैं. यह भीषण सड़क हादसा पाकबड़ा के एक घर पर कहर की तरह टूटा, क्योंकि इस हादसे ने एक झटके में एक ही परिवार के तीन लोगों की जान ले ली और जान गंवाने वाले अन्य तीन लोग भी इसी परिवार के रिश्तेदार थे.
16 दिसंबर 2020
थाना धनारी के पास गन्ने से लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली को ओवरटेक करते समय केमिकल से भरा कैप्सूल सामने से आ रही रोडवेज बस से टकरा गया था. इस हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 24 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
30 जनवरी 2021
कुंदरकी के पास नानपुर की पुलिया पर निजी बस को ओवरटेक कर रही डीसीएम सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई थी. इस हादसे में कुल 13 लोगों की मौत हुई थी और 23 लोग घायल हुए थे.
20 फरवरी 2021
चंदौसी के पास बनिया खेड़ा और रसूलपुरकेली के बीच टैंकर ने गलत दिशा में पहुंचकर सामने से आ रही कार को बुरी तरह कुचल दिया था. कार में सवार छह लोगों की मौत हो गई थी और दो की हालत अब भी गंभीर हैं.
20 से अधिक दोपहिया वाहन चालक भी तोड़ चुके हैं दम
मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाईवे पर मुरादाबाद से संभल जनपद की सीमा नरोरा बैराज तक है. इस मार्ग पर आए दिन दोपहिया वाहन सवार बड़े वाहनों की चपेट में आकर दुर्घटना का शिकार होते हैं. दो माह की अवधि में करीब 20 मामले ऐसे सामने आए, जिनमें दोपहिया वाहनों पर सवार लोगों की मौत हो चुकी है.
जानकार ही नहीं आम लोग भी मानते हैं कि सड़क के बीचों-बीच शामिल होने वाला डिवाइडर वाहनों को एक-दूसरे के सामने आने से रोकने में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन मुरादाबाद-आगरा नेशनल हाईवे बिना डिवाइडर वाला तो है ही और इसके अलावा भी हाईवे पर जो संकेतक होते हैं, वो भी नहीं हैं. जीरो पॉइंट्स पर संकेतक व लाइट्स नहीं हैं. इन्हीं बहुत सी खामियों की वजह से भी लोग आए दिन हादसों का शिकार होते रहते हैं.