मुरादाबाद: भारत समेत दुनिया के अधिकतर देशों में कोरोना संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. लगातार खराब होते हालात के बीच सामाजिक कार्यक्रम पूरी तरह से प्रतिबंधित है. जिसका असर साफ दिखने लगा है. संगीत की सूफी परंपरा में अपनी पहचान रखने वाली कव्वाली भी, कोरोना के कहर का शिकार हुई है. वहीं इससे जुड़े कव्वालों के सामने जीवन यापन का सवाल खड़ा हो गया है. मुरादाबाद जनपद में रहने वाले कव्वालों के कोरोना संकट में चालीस से ज्यादा कार्यक्रम रद्द हो चुके हैं. जिससे इनका हर दिन लाखों रूपये का नुकसान हो रहा है. देश-विदेश में प्रस्तुति देने वाले इन कव्वालों के सामने जहां आर्थिक संकट हैं, वहीं भविष्य में सामाजिक समारोहों में लोगों की सहभागिता को लेकर भी संशय बना हुआ है.
लाखों का हो चुका है नुकसान
मुरादाबाद जनपद के कुंदरकी क्षेत्र में रहने वाले शमीम अहमद शाबरी अंतरराष्ट्रीय कव्वाल हैं और दुनिया के कई देशों में कव्वाली कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया, जिसके बाद शमीम और उनकी टीम घर में ही कैद होकर रह गयी है. लॉकडाउन के दौरान इस टीम के पास देश के कई शहरों से चालीस कार्यक्रमों का निमंत्रण था. उसके लिए होटलों की बुकिंग हो चुकी थी और हवाई टिकट भी खरीदे जा चुके थे.