मुरादाबाद:कोरोना काल में पूरे देश में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया था, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने और अनलॉक शुरू होने के बाद से अचानक वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है. पिछले कुछ सालों से मुरादाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में बना हुआ है और इस साल भी वायु प्रदूषण का स्तर अन्य शहरों के मुकाबले कहीं अधिक है.
पीतल कारखानों से निकलने वाले धुएं के साथ सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ज्यादा होने से प्रदूषण का स्तर हर रोज नए रिकॉर्ड बना रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जनपद में कई विभागों के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की गई है, जिससे प्रदूषण का स्तर घटने की उम्मीद है.
प्रदूषण में टॉप पर पहुंच गया था मुरादाबाद
सर्दियों के मौसम में मुरादाबाद में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक, मुरादाबाद वायु प्रदूषण के मामलों में देश के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. वायु प्रदूषण के पीछे जहां पीतल कारखानों से निकलने वाला धुआं शामिल है. वहीं शहर में इलेक्ट्रॉनिक कचरा भी बड़े पैमाने पर जलाया जाता रहा है. प्रशासन की सख्ती से इलेक्ट्रॉनिक कचरे के कारोबार पर रोक तो लगी है. बावजूद इसके प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अनलॉक 5.0 में जारी एक्यूआई के आंकड़ों में मुरादाबाद, जहां देश के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में बना हुआ है. वहीं एक सप्ताह पहले यह नम्बर एक तक पहुंच गया था, जिम्मेदार अधिकारी बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए सड़कों पर वाहनों की अधिक संख्या, नए निर्माण कार्य के शुरू होने और कारखानों से निकलते धुएं को वजह बताते हैं.