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मुरादाबाद: लॉकडाउन के चलते फीका हुआ सेवइयों का कारोबार

मुरादाबाद में कोरोना वायरस के चलते इस बार ईद पर सेवइयों की मांग एक तिहाई रह गयी. ईद पर सेवई कारोबरियों को इसका ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया.

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सेवई

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Published : May 25, 2020, 5:19 AM IST

मुरादाबाद: कोरोना वायरस के चलते देश में लागू लॉकडाउन से जहां हर कारोबार प्रभावित हुआ है, वहीं इसका असर ईद पर तैयार होने वाली सेवइयों पर भी नजर आ रहा है. मुरादाबाद और आसपास के जनपदों में हर साल ईद से पहले बड़े पैमाने पर सेवइयों को तैयार किया जाता है, लेकिन इस साल लॉकडाउन लागू होने से जहां कारोबारियों के सामने श्रमिकों की समस्या रही. वहीं बाजार में डिमांड भी काफी कम दिखायी दी.

सेवई

जनपद में सेवई के कारोबार से जुड़े कारोबारी कोरोना के चलते लाखों रुपयों का नुकसान होने का दावा कर रहें है. दरअसल कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन से जहां कारोबारी श्रमिकों की कमी से जूझ रहे हैं. वहीं वाहनों की आवाजाही बंद होने से तैयार सेवइयां दुकानों तक पहुंचाना भी एक बड़ी चुनौती थी. पाकबड़ा क्षेत्र में रहने वाले सेवई कारोबारी हाजी शाकिर ने बताया कि अन्य सालों के मुकाबले इस साल उन्होंने कम सेवइयां तैयार करवाई थी. पिछले साल 600 कुंतल सेवइयां मुरादाबाद और आसपास के जनपदों में सप्लाई करने वाले शाकिर इस साल 200 कुंतल ही सेवई बना पाए.

हाजी शाकिर द्वारा तैयार सेवइयां ईद के मौके पर अमरोहा, रामपुर, सम्भल, बुलंदशहर और बिजनौर में सप्लाई की जाती है. सेवइयों को तैयार करने से लेकर उन्हें धूप में सुखाने और फिर भट्टियों में कई घन्टे तक पकाने में श्रमिकों की जरूरत होती है. इसके बाद पैकिंग और ऑर्डर डिलीवर करने के लिए भी बड़ी तादात में लोग चाहिए होते हैं. ज्यादातर सेवइयां बनाने वाले कारोबारियों के पास बीस से पच्चीस मजदूर काम करते हैं, लेकिन इस बार मजदूर लॉकडाउन के चलते घरों में ही रहे. सामाजिक दूरी के नियम के चलते लोगों ने भी सेवइयां परिवार की जरूरत के मुताबिक ही खरीदी है.

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