मुरादाबादः कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मशहूर शायर इमरान प्रतापगढ़ी बुधवार को मुरादाबाद कोर्ट में पेश हुए. इमरान के खिलाफ मुरादाबाद की एमपी-एमएलए कोर्ट से 3 दिन पहले गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. कांग्रेस राज्यसभा सांसद को अदालत से जमानत मिल गई है.
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि 2019 में प्रशासन की तरफ से झूठा मुकदमा दर्ज किया था लेकिन कोर्ट का आदेश था इसलिए कोर्ट का सम्मान करते हुए पेश हुए हुए. मोहन भागवत के बयान पर उन्होंने कहा कि दलित समाज और महिलाएं सदियों से वर्चस्व की जंग लड़ रहीं हैं उनके लिए आपके पास क्या समाधान है. दिल्ली में एक लड़की को कार से 12 किलोमीटर तक घसीटा जाता है, एक एसआई को चाकू से गोद दिया जाता है, जब यह हाल देश की राजधानी का होगा तो पूरे देश मे डर का माहौल तो होगा ही.
यह बोले कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्म गुरु जब लड़कियों की शिक्षा की बात कर रहे हैं तो इस बयान का सभी को स्वागत करना चाहिए. हां को-एजुकेशन की बात पर जरूर बहस हो सकती है. बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात करने वाले प्रधानमंत्री तो बेटियों के लिए कुछ नहीं कर रहे लेकिन जो बेटियों की शिक्षा की बात कर रहे उनका स्वागत होना चाहिए.
आचार संहिता उल्लंघन पर दर्ज हुआ था केस
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने 2019 में मुरादाबाद सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था. उस दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला मुरादाबाद के गलशहीद थाने में दर्ज किया गया था. इसी मामले की सुनवाई मुरादाबाद की एमएपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही है. प्रचार का समय निकलने के बाद उन पर रोड शो करने का आरोप लगा था. गलशहीद थाने में इमरान प्रतापगढ़ी समेत अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इसमें आचार संहिता के उल्लंघन, रुपए देकर भीड़ इकट्ठा करने, पुलिस के काम में बाधा डालने जैसे आरोप थे. इस मामले में इमरान प्रतापगढ़ी, हाजी रिजवान कुरैशी, फैजान, मोहम्मद कामिल, अहमद खान बेग, असद मौलाई समेत अन्य को आरोपी बनाया गया था. केस की सुनवाई MP-MLA स्पेशल कोर्ट स्मिता गोस्वामी की अदालत में चल रही है. बाकी आरोपी मामले में कोर्ट में हाजिर होकर जमानत करा चुके है लेकिन इमरान प्रतापगढ़ी कोर्ट में हाजिर नहीं हुए थे. इस पर कोर्ट ने सोमवार को इमरान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए मुकदमे की सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 जनवरी लगा दी थी.
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