मुरादाबाद: जिले के बिलारी क्षेत्र में किसान बड़ी मुश्किल में घिर गए हैं. बिलारी क्षेत्र की सैकड़ों बीघा खेती की जमीन में उगाई उड़द की फसल पूरी तरह बर्बाद हुई है, जिसके चलते किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. दरअसल, जुलाई के महीने में बोई गई उड़द की फसल खेतों में तैयार खड़ी है, लेकिन उड़द के पौधों में फलियां नहीं आई है. कड़ी मेहनत से उगाई फसल के बर्बाद होने से जहां किसान हताश है, तो वहीं उनके सामने आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है. किसान जहां फसल के बर्बाद होने के पीछे पौधों के बीमार होने को वजह बता रहें है. वहीं कृषि जानकार सितंबर में हुई बारिश को जिम्मेदार ठहरा रहें हैं.
उड़द की फसल में फलियां नहीं आने से किसानों का लाखों का नुकसान
जिला मुख्यालय से चालीस किलोमीटर दूर स्थित बिलारी तहसील में खेती लोगों की आय का मुख्य जरिया है. इस मौसम में जहां धान की फसल तैयार हो जाती है. वहीं आधे से ज्यादा खेतों में किसान दलहनी फसलों को भी उगाते है. उड़द की फसल उगाने के लिए मशहूर बिलारी क्षेत्र में इस साल किसान निराश है. दरअसल, किसानों द्वारा उगाई उड़द की फसल में फलियां नहीं आने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. उड़द बोने से लेकर पौध आने तक सब सही था और किसानों ने खाद- पानी के साथ कीटनाशकों का भी छिड़काव किया था. वावजूद इसके उड़द के पौधे बिना फलियों के ही खेत में नजर आ रहें है.
सैकड़ों बीघा उड़द की फसल बर्बाद
किसानों के मुताबिक एक बीघा जमीन में एक कुंतल उड़द पैदा हो जाती है, जिसकी मंडी में 10 हजार रुपये कीमत आसानी से मिल जाती है. दस बीघे में एक लाख रुपये मूल्य की उड़द उगाने से परिवार की आर्थिक जरूरतें पूरी होती रहती है, लेकिन इस साल उड़द की फसल किसानों को धोखा दे गई. फसल बर्बाद होने का यह मामला एक दो खेतों का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र का है, जिसमें सैकड़ों बीघा जमीन में उड़द उगाई जाती है.