मुरादाबाद: बचपन से क्रिकेटर बनने ख्वाब देख रहे एक युवा की जिंदगी बेनूर और बदरंग तब हो गई. जब वह साल 2014 में एक ट्रेन से नीचे गिर गया. इस हादसे ने उसके दोनों पैर छीन लिए और वह हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर पहुंच गया. ये दर्द भरी कहानी है जनपद के छजलैट ब्लॉक के गांव कूड़ा मेरपुर के रहने वाले दिव्यांग क्रिकेटर सौरभ त्यागी की.
सौरभ उन लोगों के लिए एक प्रेरणा हैं, जो शारीरिक अक्षमताओं और संसाधनों का रोना रोते हुये हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते हैं. दिव्यांग क्रिकेटर सौरभ त्यागी का उत्तर प्रदेश व्हील चेयर क्रिकेट टीम तक पहुंचने का सफर आसान भी नहीं था. इसके पीछे एक दर्द भरी दास्तां है.
2014 में ट्रेन से नीचे गिरने पर गंवा दिए थे दोनों पैर
सौरभ कहते हैं कि बचपन से ही उनको क्रिकेटर बनने का शौक था, लेकिन 2014 में ट्रेन से नीचे गिरने के चलते उन्होंने अपने दोनों पैर गंवा दिये. जिससे वह बिल्कुल टूट गये, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. घर पर दो साल आराम करने के बाद उन्होंने फिर अपने सपने पूरे करने की ठान ली. उनका कहना है कि व्हीलचेयर पर रहते हुये क्रिकेट खेलने का अभ्यास शुरू किया और पहले की तरह फिर से चौके-छक्के लगाने लगा.