मुरादाबाद: गन्ना बेल्ट के नाम से पहचाने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान परेशान हैं. गन्ने की फसल तैयार होने के बाद भी अभी कई चीनी मिल शुरू नहीं हुई है. इसके चलते किसानों को अपना गन्ना आधी से कम कीमतों पर कोल्हू पर बेचना पड़ रहा है. हर रोज कई कुंतल गन्ना कोल्हू पर पहुंच रहा है और किसान को हजारों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
मुरादाबाद: गन्ना मिल शुरू न होने से कोल्हू पर गन्ना बेचने को मजबूर किसान, आधी कीमत भी नहीं हो रही वसूल - गन्ना किसान
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में चीनी मिल के शुरू न होने से किसानों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. अक्टूबर माह में चीनी मिलें चालू हो जाती हैं लेकिन इस बार चालू न होने से किसान अपने परिवार की रोजी-रोटी भी नहीं चला पा रहे हैं.
गेहूं की फसल के लिए खेत खाली करने के चलते भी किसान मिलों के शुरू होने का इंतजार करने के बजाय कोल्हू पर गन्ना बेचने को मजबूर हैं. गन्ना विभाग के अधिकारी जल्द ही मिलों के शुरू होने का आश्वासन दे रहे हैं लेकिन किसानों को इन दावों पर भरोसा नहीं है.
सम्भल,अमरोहा, मुरादाबाद जनपदों के देहात क्षेत्रों में हर रोज सैकड़ों कुंतल गन्ना 150 से 200 रुपये प्रति कुंतल के मूल्य पर कोल्हू में बिक रहा है. गन्ना विभाग के अधिकारी इस सप्ताह के अंत तक मिलें शुरू होने का दावा कर रहें है लेकिन किसान इस दावे से सहमत नजर नहीं आते.
नहीं चल पा रही रोजी-रोटी
पेराई सत्र शुरू होने के बाद भी चीनी मिलों के न चलने से जहां किसानो को फसल की पूरी कीमत नहीं मिल रही वहीं उनके सामने परिवार की रोजी-रोटी की चिंता भी है. गन्ना बकाया भुगतान को लेकर सरकार पर निशाना साध रहें किसान मिलों के जल्द शुरू न होने के बाद सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे है.