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मुरादाबाद: लॉकडाउन ने किसानों की आमदनी पर लगाया लॉक - Economic crisis facing farmers cultivating vegetable in Moradabad

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सब्जी की खेती करने वालों के सामने आर्थिक संकट खड़ा है गया है. खेती करने वालों का कहना है कि इस समय जो सब्जी 70 से 80 रुपये किलो बिकती थी, आज वह 25 रुपये किलो बिक रही है. जिसकी वजह से सब्जी की खेती करने वालो किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नहीं मिल रहे सब्जी के खरीददार
नहीं मिल रहे सब्जी के खरीददार

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Published : Apr 9, 2020, 8:27 AM IST

मुरादाबाद: कोरोना वायरस की वजह से जहां देश में आर्थिक संकट गहरा गया है, वहीं लोगों की जरूरत के लिए सब्जी की खेती करने वालों को भी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. लॉकडाउन की वजह से सब्जी के खरीदार नहीं मिल रहे और ना ही उचित दाम मिल रहे हैं. खेती करने वालों का कहना है कि इस समय जो सब्जी 70 से 80 रुपये किलो बिकती थी, आज वह 25 रुपये किलो बिक रही है. जिसकी वजह से सब्जी की खेती करने वालो किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नहीं मिल रहे सब्जी के खरीददार

गर्मी के मौसम में खीरा, ककड़ी, तुरई, लौकी और काशी फल की मांग बढ़ जाती है. सब्जियों की मांग बढ़ने से सब्जी की खेती करने वाले किसानों की भी अच्छी आमदनी हो जाती है, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की वजह से इन किसानों को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. किसानों को सब्जी के खरीदार नहीं मिल रहे है और ना ही आढ़ती खेतों तक सब्जी खरीदने आ रहे हैं. गर्मी के शुरुआत में इन सभी सब्जियों की बहुत मांग रहती है और अच्छे दाम भी मिल जाते थे. लॉक डाउन की वजह से किसानों की आमदनी पर भी लॉक लग गया है.

लागत भी नहीं निकल पा रही है

सब्जी की खेती करने वाली तुलसा का कहना है कि इस समय बहुत मंदी चल रही है, खेतों से ही सब्जी व्यापारियों को बेच देते थे, लेकिन अब कोई खरीदार नहीं आ रहा है और ना ही सब्जी मंडी में जा पा रहे हैं. उन्होने बताया कि पहले 100 रुपये तक की ढेरी खेत पर बेच देते थे, लेकिन अब वह दाम भी नहीं मिल पा रहे हैं, जो लागत लगी है, वह भी नहीं मिल पा रही है.

कोरोना की वजह से सबकुछ हुआ बंद

आरती ने बताया कि बहुत बुरे हालात हैं, सब कुछ बंद होने की वजह से सब्जी के खरीदार नहीं आ पा रहे हैं. जिसकी वजह से बहुत आर्थिक मंदी हो गयी है. जो सब्जी 100 से 200 रुपये बिकती थी आज उसके दाम 20 से 30 रुपये मिल रहे हैं.

प्रेम चंद्र का कहना है कि इस जंगल में तुरई, खीरा, लौकी, ककड़ी और काशी फल की खेती हजारों बीघा में होती है. कोरोना वायरस की वजह से सब कुछ बंद है. जिसकी वजह से सब्जी के खरीदार नहीं आ रहे हैं. मंडी में किसानों को जाने के लिए मना नहीं है, लेकिन थोक व्यापारी ही सब्जी खरीदने के लिए नहीं आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस सीजन में 70 से 80 रुपये किलो तुरई बिकती थी, लेकिन आज 25 रुपये किलो बिक रही है.

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