मुरादाबाद: गन्ना बेल्ट के नाम से पहचाने जाने वाली पश्चिमी यूपी की उपजाऊ जमीन अब फूलों की फसल से लहलहा रही है. पिछले काफी समय से गन्ने के बकाया भुगतान और पैदावार को लेकर शुरू हुई समस्याओं के बाद अब किसान फूलों की खेती कर मुनाफा कमा रहें है. खेतों में गुलाब, गेंदा के साथ कमल के फूल की खेती का दायरा तेजी से बढ़ रहा है.
बढ़ गई है फूलों की डिमांड
कम लागत में ज्यादा मुनाफा और बड़ा बाजार मिलने से किसान कमल के फूलों की खेती कर रहें है. मुरादाबाद में उगाया जा रहा कमल का फूल स्थानीय बाजार के साथ दिल्ली और हरिद्वार तक सप्लाई किया जा रहा है. दीपावली से ठीक पहले कमल के फूलों की डिमांड बढ़ गई है और इनकी कीमतें आसमान छू रही है.
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राष्ट्रीय पुष्प बदल रहे किसानों की तकदीर
कीचड़ और तालाबों में खिलने वाला कमल का फूल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों में बड़े पैमाने पर उगाया जा रहा है. गन्ने और धान की फसल के बीच खेतों को तालाब का आकार देकर किसान कमल की खेती कर मुनाफा कमा रहे है. मुरादाबाद के देहात क्षेत्रों में कई सौ बीघा में खिल रहा यह राष्ट्रीय पुष्प किसानों की तकदीर बदल रहा है.
एक हेक्टेयर जमीन में कमल के फूल की खेती करने में किसानो की लागत आठ से दस हजार रुपये आती है, जबकि तीन महीने में तैयार होने वाली फसल का बाजार में चालीस से पचास हजार रुपये आसानी से मिल जाता है. बाजार में कमल के फूल के साथ इसके बीज और जड़ों की भी डिमांड है जिसके चलते किसान इस फसल को हाथों हाथ ले रहे है.